क्या झारखंड सरकार पर भाजपा का आरोप है कि धर्मांतरण के आंकड़े छिपाने के लिए राज्य में ‘नाम परिवर्तन घोटाला’ किया गया?

Click to start listening
क्या झारखंड सरकार पर भाजपा का आरोप है कि धर्मांतरण के आंकड़े छिपाने के लिए राज्य में ‘नाम परिवर्तन घोटाला’ किया गया?

सारांश

झारखंड की भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य में नाम परिवर्तन के दस्तावेज गायब हैं, जो एक बड़ा घोटाला हो सकता है। क्या यह गंभीर आरोप सच है? जानिए इस मामले के पीछे की सच्चाई और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • भाजपा ने झारखंड में नाम परिवर्तन के दस्तावेजों के गायब होने का आरोप लगाया।
  • धर्मांतरण के आंकड़ों को छिपाने की आशंका जताई गई है।
  • यह मामला सीबीआई से जांच की मांग कर रहा है।
  • राजकीय प्रेस के अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

रांची, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जब कोई व्यक्ति अपना नाम बदलता है, तो उस पर कानूनी मुहर तब लगती है, जब सरकार के राजकीय प्रेस द्वारा गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। भारतीय जनता पार्टी की झारखंड प्रदेश इकाई ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया कि झारखंड में नाम परिवर्तन से जुड़े मामलों के गैजेट नोटिफिकेशन के कई वर्षों के रजिस्टर और अन्य आवश्यक दस्तावेज गायब हो गए हैं।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे ‘नाम परिवर्तन घोटाला’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों के अज्ञात होने के पीछे धर्मांतरण के आंकड़ों को छिपाने की एक बड़ी साजिश हो सकती है। पार्टी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के बाद कई वर्षों तक नाम परिवर्तन के लिए गैजेट नोटिफिकेशन मैन्युअल तरीके से होते रहे, जिसके लिए रजिस्टर में रिकॉर्ड रखा जाता था। लेकिन अब हेमंत सरकार के कार्यकाल में ये रजिस्टर और दस्तावेज गायब हो गए हैं। इस अवधि में किसका नाम बदला गया, कितने नाम बदले गए, इसका कोई विवरण सरकार के पास नहीं है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड में धर्मांतरण करने वाली शक्तियाँ सक्रिय हैं और दस्तावेजों का गायब होना संदेह उत्पन्न करता है कि कहीं यह सब धर्मांतरण के असली आंकड़ों को छुपाने के लिए तो नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि नाम परिवर्तन के रजिस्टर से व्यक्ति की पहचान की पुष्टि होती है, लेकिन इनके गायब होने से व्यक्ति अपने आधार में उम्र, धर्म और जाति में बदलाव कर सकता है।

शाहदेव ने सवाल उठाया कि जब सरकारी दस्तावेज गायब होते हैं, तो एफआईआर दर्ज कर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, लेकिन हेमंत सरकार ने इस पर प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की? इससे पूरे मामले पर संदेह खड़ा हो रहा है। केवल राजकीय प्रेस के अधिकारी संजीव कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो मामले को दबाने की एक साजिश की ओर इशारा करता है।

Point of View

यह मामला न केवल झारखंड की राजनीति में, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक स्थिति पर भी प्रभाव डाल सकता है। ऐसे आरोपों से जनता के मन में सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ता है। हमें इस मामले में ठोस सबूतों की आवश्यकता है ताकि जनता को सही जानकारी मिल सके और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा का आरोप क्या है?
भाजपा का आरोप है कि झारखंड में नाम परिवर्तन के दस्तावेज गायब हो गए हैं, जिससे धर्मांतरण के आंकड़े छिपाए जा सकते हैं।
हेमंत सरकार पर आरोप क्यों लग रहे हैं?
भाजपा का कहना है कि दस्तावेज गायब होने से संदेह उत्पन्न होता है कि यह धर्मांतरण के असली आंकड़ों को छिपाने के लिए किया गया है।
इस मामले की जांच कौन करेगा?
भाजपा ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।