क्या झारखंड सरकार देवघर हादसे में मृत कांवड़ियों के परिजनों को एक-एक लाख और घायलों को 20-20 हजार की सहायता राशि देगी?

सारांश
Key Takeaways
- मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी।
- घायलों के लिए 20 हजार रुपए की मदद की जाएगी।
- सरकार ने घायलों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया है।
- हादसे की जांच के लिए विशेष समिति बनाई जाएगी।
- मेला क्षेत्र में सुरक्षा जांच की जाएगी।
देवघर, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड सरकार ने देवघर जिले के मोहनपुर में मंगलवार सुबह हुए भीषण सड़क हादसे में मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख और घायलों के लिए 20-20 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी मंगलवार दोपहर देवघर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। मंगलवार की सुबह कांवरियों से भरी बस और गैस सिलेंडर से लदे ट्रक के बीच हुई टक्कर में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 23 अन्य घायल हुए हैं।
यह हादसा उस समय हुआ जब बाबा बैद्यनाथ धाम में जलार्पण के बाद सभी कांवड़िए बासुकीनाथ की ओर जा रहे थे। घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाए।
गंभीर रूप से घायल सात श्रद्धालुओं को एम्स देवघर में भर्ती कराया गया है, जहां उनके इलाज की विशेष व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने देवघर सदर अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया और इलाज की स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि सभी घायलों का इलाज, दवा और जांच पूरी तरह मुफ्त कराई जा रही है। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि इलाज के बाद सभी घायलों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बाबा धाम आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन सरकार पूरी गंभीरता से हालात का सामना कर रही है।
देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि इस हादसे की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की जा रही है। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों और वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मेला क्षेत्र में चलने वाली सभी गाड़ियों और चालकों की सुरक्षा जांच कराई जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।