क्या झारखंड में सरकारी चिकित्सक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया?

सारांश
Key Takeaways
- डॉ. सतीश कुमार को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
- यह झारखंड में रिश्वतखोरी की तीसरी गिरफ्तारी है।
- घोषणा की गई राशि में चार हजार रुपये की मांग की गई थी।
- एसीबी ने मामले की सटीक जांच की और गिरफ्तारी की।
हजारीबाग, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग जिले के चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सतीश कुमार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत किराए पर चल रहे ‘ममता वाहन’ के बिल का भुगतान करने के लिए एक व्यक्ति से घूस की मांग की थी।
झारखंड में रिश्वतखोरी के मामलों में एक हफ्ते के भीतर यह तीसरी गिरफ्तारी है। दादपुर गांव के निवासी उज्जवल कुमार सिन्हा ने एसीबी को एक आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई थी। उज्जवल के अनुसार, उनके वाहन का तीन-चार महीने का बिल बकाया है, जिसकी कुल राशि करीब 25,000 रुपये है। डॉ. सतीश कुमार ने उनसे चार हजार रुपये की मांग की थी।
लिखित शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने मामले की जांच की और सही पाए जाने पर मंगलवार को उज्जवल ने जैसे ही सतीश कुमार को रिश्वत की राशि दी, टीम ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया। गिरफ्तार चिकित्सक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एसीबी की टीम ने उनके आवास पर भी छापेमारी की, जहां से नगदी बरामद की गई है।
इससे पहले 26 जून को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीमों ने लोहरदगा और धनबाद में दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा था। लोहरदगा में ग्रामीण विकास विभाग के कैशियर वरूण कुमार को आंगनबाड़ी जीर्णोद्धार के लिए चार हजार रुपये लेते हुए और धनबाद में अनिश कुमार को जमीन नामांतरण के लिए 15 हजार रुपये लेते हुए पकड़ा गया था।