क्या झारखंड में सेप्टिक टैंक में दम घुटने से तीन सगे भाइयों समेत चार लोगों की मौत हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है।
- सेप्टिक टैंक जैसे कार्यों में सावधानी बरतें।
- दुर्घटनाओं में समय-समय पर स्थानीय प्रशासन की मदद लें।
गढ़वा, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गढ़वा जिला मुख्यालय के निकट स्थित नवादा गांव में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक घटना घटित हुई, जिसमें तीन सगे भाइयों सहित चार लोगों की मौत हो गई। यह हादसा सेप्टिक टैंक के सेटरिंग को खोलने के दौरान हुआ। जब चारों लोग टैंक में उतरे तो दम घुटने के कारण उनकी जान चली गई।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल बना दिया है। मृतकों की पहचान नवादा गांव के निवासी मोती चौधरी के तीन पुत्रों, राजू शेखर चौधरी (55), अजय चौधरी (50), चंद्रशेखर चौधरी (42) और गांव के ही मल्टू राम के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, राजू शेखर चौधरी के घर में निर्माण कार्य चल रहा था जिसमें नया सेप्टिक टैंक बनाया गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टैंक का सेटरिंग खोलने का काम किया जा रहा था। सबसे पहले मल्टू राम टैंक में उतरा, लेकिन वह बाहर नहीं आया। इसे देखकर राजू शेखर चौधरी उसे देखने के लिए नीचे गए, परंतु वह भी बाहर नहीं लौटे। इसके बाद अजय चौधरी और फिर चंद्रशेखर चौधरी भी टैंक में उतरे, लेकिन चारों अंदर फंस गए।
जब ग्रामीणों को यह समझ आया कि चारों अंदर से नहीं लौट रहे हैं, तो उन्होंने शोर मचाकर अन्य लोगों को बुलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने कड़ी मेहनत के बाद सभी को बाहर निकाला और गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में चिकित्सकों ने चारों को मृत घोषित कर दिया।
हादसे की सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार, एसडीपीओ नीरज कुमार, और गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अधिकारियों ने सेप्टिक टैंक में जहरीली गैस के कारण दम घुटने से मृत्यु होने की आशंका जताई है। घटना के उपरांत नवादा गांव और गढ़वा शहर में मातमदुख और आक्रोश फैला हुआ है।
गढ़वा सदर अस्पताल की उपाधीक्षक मेहरून यामिनी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। खून और अंगों के सैंपल ले लिए गए हैं, जिससे मौत की असल वजहों का पता चल सकेगा।