क्या झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ और दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गई?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हुआ।
- दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गई।
- सत्र में विधायी कार्य और वित्तीय प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
- सभी दलों से सहयोग की अपील की गई।
- सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक लाए जाएंगे।
रांची, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार से आरंभ हुआ। सत्र की शुरुआत में दिवंगत नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कलाकारों और विभिन्न कार्यक्षेत्रों की दिवंगत विभूतियों के प्रति सदन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सदन में मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई। विधानसभा के स्पीकर रवींद्रनाथ महतो, सीएम हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने दिवंगत विभूतियों के योगदान पर चर्चा की।
स्पीकर ने अपने संबोधन में कहा कि यह सदन केवल ईंट-पत्थरों का भवन नहीं है, यह वह धरोहर है जहां जनता की आशाएं प्रतिध्वनित होती हैं और लोकतंत्र अपनी सबसे सुंदर अभिव्यक्ति पाता है। सभा की हर आवाज में जनता का स्वर बसता है, यहीं से लोकतंत्र का दीपक हर दिशा में रोशनी देता है।
शीतकालीन सत्र प्रभावी रूप से पांच दिनोंसर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
अध्यक्ष ने सभी दलों से सत्र को रचनात्मक, व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित करने की अपील की। बैठक में नेता प्रतिपक्ष ने राज्य में कानून व्यवस्था पर विशेष चर्चा की मांग उठाई, हालांकि इस पर तत्काल सहमति नहीं बनी। अध्यक्ष ने इसे कार्यमंत्रणा समिति को भेजने की बात कही।
सत्र के दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी प्रस्ताव सदन में पेश करने वाली है। सोमवार को प्रश्नकाल के साथ चालू वित्तीय वर्ष की द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में प्रस्तुत की जाएगी। इसके अगले दिन इस पर विस्तृत चर्चा होगी और अनुपूरक व्यय को पारित किया जाएगा। उसी दिन विनियोग विधेयक भी सदन में लाया जाएगा।
बुधवार को सदन में विभिन्न विभागीय विधेयकों को पेश करने की संभावना है, जिन पर चर्चा और पारित करने की प्रक्रिया पूरी होगी। सरकार ने संकेत दिया है कि वित्तीय प्रस्तावों के अलावा कुछ लंबित विधेयकों को भी इस सत्र में आगे बढ़ाया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने उम्मीद जताई है कि सदन में तय कार्यक्रम के अनुसार विधायी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा होगा।