क्या आईटी रिफंड की तरह हो जीएसटी रिफंड? : जीतू पटवारी

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी रिफंड की नीति की आवश्यकता है।
- आम जनता की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए रिफंड आवश्यक है।
- कृषि यंत्रों पर जीएसटी में सुधार की जरूरत है।
- मोदी सरकार को जनहित में नीतियों में बदलाव करना चाहिए।
- राहुल गांधी का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
भोपाल, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्र और राज्य सरकार से आयकर (आईटी) रिफंड की तर्ज पर जीएसटी वापसी की मांग की है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोदी सरकार और मध्य प्रदेश सरकार से कहा है कि जिस प्रकार आयकर (आईटी) रिफंड की व्यवस्था है, उसी तरह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी रिफंड का प्रावधान आम जनता के लिए लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में जिन उपभोक्ताओं ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान किया है, उन्हें जीएसटी दरों में कमी के बाद अतिरिक्त भुगतान की राशि का रिफंड मिलना चाहिए।
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स में बदलकर आम जनता की जेब पर डाका डाला है। पिछले वर्षों में जीएसटी के माध्यम से सरकार ने लगभग 55 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जिसका बोझ गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी दरों में कमी केवल आगामी बिहार चुनाव जैसे राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है, न कि जनहित के लिए।
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि राहुल गांधी हमेशा से यह कहते रहे हैं कि जीएसटी को एक ही स्लैब में लाया जाए ताकि यह आम जनता की पहुंच में हो और उनकी जेब पर बोझ न पड़े। लेकिन मोदी सरकार ने जीएसटी को जटिल बनाए रखा और बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी के बीच जनता की क्रय शक्ति को कमजोर किया है।
उन्होंने कृषि यंत्रों पर जीएसटी जैसे मुद्दों को भी रेखांकित किया, जिन्हें तुरंत संशोधित करने की आवश्यकता है। पटवारी ने मांग की है कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार पिछले वर्षों में 18 प्रतिशत के बजाय 28 प्रतिशत की दर से लिए गए अतिरिक्त जीएसटी का रिफंड सुनिश्चित करें। यह जनता का अधिकार है और सरकार को इसके लिए नीति बनानी चाहिए।
पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह भी मांग की है कि वह जीएसटी के माध्यम से गरीबों पर डाले गए आर्थिक बोझ के लिए देश से माफी मांगें। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी को अब राहुल गांधी के दृष्टिकोण की सच्चाई समझ आ गई है, लेकिन उनकी नीतियों ने बड़े वर्ग को गरीबी में धकेल दिया है। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।"