क्या जुबिन गर्ग ने कैलाश यात्रा के अनुभव साझा किए? जिंदगी को बिना किसी लगाव के जीने की सलाह दी!

सारांश
Key Takeaways
- जुबिन नौटियाल की यात्रा ने उन्हें नई प्रेरणा दी।
- कैलाश पर्वत की यात्रा आध्यात्मिक महत्व रखती है।
- जीवन को बिना लगाव के जीने की सलाह।
- भगवान शिव की पूजा का महत्व।
- संगीत और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम।
मुंबई, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में संगीत प्रेमियों के बीच जुबिन नौटियाल एक प्रसिद्ध नाम बन चुके हैं। उनके गाने अक्सर दिल को छू लेते हैं और उनकी आवाज़ की गहराई सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है। जुबिन ने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के बल पर बॉलीवुड और अन्य भाषाओं की फिल्मों में एक अद्वितीय पहचान बनाई है। उन्होंने कई सुपरहिट गाने गाए हैं, जो आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
शनिवार को, जुबिन ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की कुछ अद्भुत तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसने उनके प्रशंसकों को गहराई से प्रभावित किया। इस यात्रा का मुख्य आकर्षण था पवित्र कैलाश पर्वत जो धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण विभिन्न धर्मों में अत्यंत पूजनीय है।
इंस्टाग्राम पर अपनी यात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए, जुबिन नौटियाल ने लिखा, "कैलाश: यह एक बुलावा है... जीवन को बिना किसी लगाव के जियो, और इस अनंत सृष्टि के खेल को देखो।"
इस पोस्ट में उन्होंने भगवान शिव की पूजा करते हुए एक झलक दिखाई और अपने गाने 'शिव कैलाशो के वासी' को बैकग्राउंड म्यूजिक के रूप में शामिल किया।
कैलाश पर्वत तिब्बत के पश्चिमी हिस्से में मानसरोवर झील के निकट स्थित है। इसकी परिक्रमा एक कठिन, लेकिन अत्यंत पवित्र तीर्थ यात्रा मानी जाती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि कैलाश की परिक्रमा करने से जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है।
अगर हम जुबिन नौटियाल की बात करें, तो उनका संगीत यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। उन्होंने संगीत की दुनिया में पहला कदम रियलिटी शो 'एक्स फैक्टर' के माध्यम से रखा, जहाँ वह टॉप 25 प्रतिभागियों में शामिल हुए। इसके बाद, उन्होंने हिंदी फिल्मों में गाने गाने शुरू किए। उनका पहला गाना 'एक मुलाकात' था, जो फिल्म 'सोनाली केबल' से था। इसके बाद जुबिन ने 'बजरंगी भाईजान', 'जज्बा', 'बरखा', और 'किस किसको प्यार करूं' जैसी कई बड़ी फिल्मों में गाने गाए। उन्होंने तेलुगू और बंगाली फिल्मों में भी अपनी आवाज़ दी है।