क्या 'फुस्की पटाखा' है राहुल गांधी का 'हाइड्रोजन बम'?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का 'हाइड्रोजन बम' एक विवादास्पद बयान है।
- शिवसेना ने इसे फुस्की पटाखा कहा है।
- महाराष्ट्र में भारी बारिश से किसान प्रभावित हैं।
- राजनीतिक नेताओं को वास्तविकता में सक्रिय रहना चाहिए।
- कांग्रेस की राजनीति में धर्म और जाति का मुद्दा उभर रहा है।
मुंबई, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता ज्योति वाघमारे ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'हाइड्रोजन बम' के बयान पर तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का 'हाइड्रोजन बम' वास्तव में एक बेकार पटाखा है।
वाघमारे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "दीवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है, और इस दौरान हम विभिन्न प्रकार के पटाखे फोड़ते हैं। जो पटाखा नहीं फूटता है, उसे 'फुस्की बम' कहा जाता है। राहुल गांधी का 'हाइड्रोजन बम' भी एक 'फुस्की बम' की तरह है। जब उनकी पार्टी कर्नाटक समेत कई राज्यों में जीतती है, तो ईवीएम को अच्छा मानते हैं, लेकिन जब हमारी पार्टी जीतती है, तो उन्हें घपला दिखने लगता है। राहुल गांधी केवल ख्याली पुलाव पकाते हैं और जेन-जी को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस की हार के कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।"
महाराष्ट्र में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण किसानों और ग्रामीणों को गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस पर वाघमारे ने कहा, "महाराष्ट्र में बारिश के कारण किसानों और ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हमारे नेता सक्रिय रूप से जमीन पर काम कर रहे हैं, जबकि उद्धव ठाकरे जैसे नेता केवल फेसबुक लाइव पर दिखाई देते हैं। पूरे देश ने देखा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार खेतों में जाकर लोगों की सहायता कर रहे थे।"
उद्धव ठाकरे के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे केवल फोटो शूट के लिए गए हैं, उन्हें केवल फेसबुक लाइव करना ही पसंद है।"
कांग्रेस नेता भाई जगताप के शाहरुख खान के नेशनल अवॉर्ड पर उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा, "यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बयान है और कांग्रेस की नीति हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करना है। कांग्रेस पहले से ही समाज को बांटने का काम कर रही है। यही कारण है कि वे नेशनल अवार्ड में भी धर्म और जाति का मुद्दा उठाते हैं।"