क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' के तहत 222 बच्चियों की मदद की?

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क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' के तहत 222 बच्चियों की मदद की?

सारांश

गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' के तहत एक नई पहल की है। उन्होंने वादा किया है कि गुना क्षेत्र में 2025-2026 में खुलने वाले सभी खातों के लिए वह अपनी निधि से प्रति बच्ची 500 रुपए जमा करेंगे। जानिए इस योजना के बारे में और क्या है इसका महत्व।

Key Takeaways

  • सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य बच्चियों के भविष्य को सुरक्षित करना है।
  • गुना में 222 बच्चियों के खातों का उद्घाटन हुआ।
  • केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रति बच्ची 500 रुपए जमा करने का वादा किया।
  • इस योजना में 27 लाख सक्रिय खाते मध्य प्रदेश में हैं।
  • यह योजना 4 दिसंबर 2014 को शुरू हुई थी।

गुना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के गुना में शनिवार को डाक विभाग द्वारा आयोजित 'सुकन्या समृद्धि योजना' कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि 1 मई 2025 से लेकर 1 मई 2026 तक गुना संसदीय क्षेत्र में जितनी बच्चियों के खाते इस योजना के अंतर्गत खोले जाएंगे, उन सभी के लिए वह अपनी सांसद निधि से प्रति बच्ची 500-500 रुपए की राशि जमा करेंगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 'सुकन्या समृद्धि योजना' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सपना है। इस योजना के तहत पिछले 11 वर्षों में 3 करोड़ 60 लाख से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं, जिसमें परिवारों द्वारा 2 लाख करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। यह राशि हमारी बच्चियों के भविष्य के निर्माण के लिए सुरक्षित रखी गई है और इस पर कोई आयकर नहीं लगेगा। जब बच्चियां विवाह योग्य होंगी, तब यह राशि उनके लिए सहायक होगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बच्चियां निर्माणकर्ता हैं और जब मैं उनसे मिला, तो सभी बच्चियां मुझे अपनी बेटियों के समान लगीं। सभी के नाम भी बहुत सुंदर हैं। बच्चियां आध्यात्मिक शक्तियों का प्रतीक हैं। मैंने एक नई पहल की है। मेरे संसदीय क्षेत्र में जितने भी खाते खुलेंगे, मैं प्रति बच्ची 500 रुपए दूंगा ताकि सभी बच्चियों का खाता खुल सके और उनका भविष्य सुरक्षित हो।

मध्य प्रदेश डाक परिमंडल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल विनित माथुर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए बताया कि आज के कार्यक्रम में गुना क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा 222 बच्चियों का खाता 'सुकन्या समृद्धि योजना' के तहत खोला गया। इसमें उन्होंने प्रति खाते 500 रुपए की राशि भी अदा की। 40 बच्चियों की माताओं को उन्होंने अपने हाथ से पासबुक भी दी।

उन्होंने बताया कि यह भारत सरकार की योजना है, जिसका कार्यान्वयन डाक विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस योजना में नवजात से लेकर 10 वर्ष तक की बच्चियों का खाता खोला जाता है। अभिभावक प्रति माह या प्रतिवर्ष इसमें पैसे जमा कर सकते हैं। जब बच्चियां 18 साल की होंगी, तो उनकी पढ़ाई या शादी के लिए यह राशि निकाली जा सकती है। प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है। मध्य प्रदेश में इस समय 27 लाख सक्रिय खाते हैं, जिनमें लगभग 7,500 करोड़ रुपए जमा हैं। गुना क्षेत्र में लगभग 65 हजार खाते हैं। इस वर्ष मध्य प्रदेश में 3 लाख नवजात बच्चियों के खाते खोलने का लक्ष्य है।

लाभार्थी सना बानो ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि मेरी बच्ची दो महीने की है। इसका खाता 'सुकन्या समृद्धि योजना' के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुलवाया है। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं।

'सुकन्या समृद्धि योजना' की शुरुआत 4 दिसंबर 2014 को हुई थी। इसका उद्देश्य बच्चियों की शादी और उच्च शिक्षा की चिंताओं को दूर करना था। नवजात से लेकर 10 वर्ष की उम्र तक की बालिका के नाम पर उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खाता खोला जा सकता है। खाता डाकघरों या अधिकृत बैंकों में खोला जा सकता है।

Point of View

बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। हमें इस योजना का समर्थन करना चाहिए और इसे सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य बच्चियों की शादी और उच्च शिक्षा की चिंताओं को दूर करना है।
इस योजना में खाता किसके नाम पर खोला जा सकता है?
नवजात से लेकर 10 वर्ष की उम्र तक की बच्चियों के नाम पर खाता खोला जा सकता है।
इस योजना में कितना पैसा जमा किया जा सकता है?
इस योजना में प्रति वर्ष डेढ़ लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है।
खाता कब निकाला जा सकता है?
जब बच्चियां 18 साल की हो जाएंगी, तब उनकी पढ़ाई या शादी के लिए यह राशि निकाली जा सकती है।
इस योजना की शुरुआत कब हुई थी?
इस योजना की शुरुआत 4 दिसंबर 2014 को हुई थी।
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