क्या पश्चिम बंगाल के काकद्वीप में मां काली की मूर्ति खंडित हुई?
सारांश
Key Takeaways
- मां काली की मूर्ति का खंडन हिंदू समुदाय में आक्रोश उत्पन्न करता है।
- विहिप ने टीएमसी सरकार पर हिंदू आस्था के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है।
- इस घटना ने स्थानीय हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना को बढ़ाया है।
- पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- धार्मिक सहिष्णुता को बनाए रखने की आवश्यकता है।
कोलकाता, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप के चांद नगर गांव में एक मंदिर में मां काली की मूर्ति के खंडित होने की घटना ने हिंदू समुदाय में भारी आक्रोश उत्पन्न किया है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने अपने एक्स हैंडल पर इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर हिंदू आस्था के प्रति लापरवाही का आरोप लगाया है।
विनोद बंसल के अनुसार, यह घटना दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे पवित्र त्योहारों के दौरान घटित हुई। अज्ञात व्यक्तियों ने एक प्राचीन मंदिर में घुसकर मां काली की मूर्ति को खंडित कर दिया। स्थानीय निवासियों ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन पुलिस तुरंत मौके पर नहीं पहुंची। नाराज भक्तों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के बजाय मंदिर को सील कर दिया।
जन आक्रोश बढ़ने पर मंदिर खोला गया, लेकिन पुलिस ने खंडित मूर्ति को एक वैन में डालकर ले जाने का कार्य किया, जिसे स्थानीय लोग अपमानजनक मानते हैं। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने हिंदू समुदाय में गहरा दुख और रोष फैलाया है।
विनोद बंसल ने इस घटना पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि हिंदू-विरोधी तत्वों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? मूर्ति के खंडन का उद्देश्य क्या है और यह हिंदू आस्था पर हमला कब तक जारी रहेगा? उन्होंने टीएमसी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने अपराधियों के बजाय ग्रामीणों पर बल प्रयोग किया। बंसल ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो पश्चिम बंगाल 'पश्चिमी बांग्लादेश' बनने की ओर अग्रसर हो सकता है।
इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाया, क्योंकि न तो सरकार और न ही उनके सहयोगी दलों ने इस घटना की निंदा की है। यह हिंदू समाज के प्रति उनकी उदासीनता को प्रदर्शित करता है। विहिप ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और हिंदू भावनाओं का सम्मान किया जाए। इस घटना ने स्थानीय हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है। बंसल ने यह भी पूछा कि क्या कोई न्यायालय इस मामले में स्वत: संज्ञान लेगा।