क्या छत्तीसगढ़ के कांकेर में माओवादी विद्रोहियों के साथ मुठभेड़ में एक महिला नक्सली मारी गई?

सारांश
Key Takeaways
- मुठभेड़ में एक महिला माओवादी कार्यकर्ता मारी गई।
- यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लक्षित अभियान का हिस्सा है।
- क्षेत्र में लगातार गोलीबारी जारी है।
- माड क्षेत्र माओवादियों का गढ़ माना जाता है।
- सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों को भारी क्षति पहुंचाई है।
रायपुर, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के कांकेर में सुरक्षा बलों और माओवादी विद्रोहियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक महिला माओवादी कार्यकर्ता ढेर हो गई। खबरों के अनुसार, अन्य लोगों के हताहत होने की संभावना जताई जा रही है।
छोटेबेठिया पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में अमाटोला और कालपर गांवों के बीच घने जंगली पहाड़ियों में शुक्रवार की सुबह गोलीबारी शुरू हुई।
पुलिस के मुताबिक, ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर जिला रिजर्व गार्ड द्वारा लक्षित अभियान आरंभ किया गया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश सिन्हा ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की संयुक्त पुलिस तलाशी अभियान के लिए रवाना हुई। तलाशी के दौरान संयुक्त पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में एक वर्दीधारी महिला माओवादी का शव और हथियार समेत अन्य सामान बरामद किया गया। तलाशी अभियान अभी भी जारी है और बीच-बीच में गोलीबारी हो रही है।"
अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा अपना अभियान पूरा करने के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी।
ऑपरेशन का इलाका माड क्षेत्र है जिसे माओवादियों का गढ़ माना जाता है। विद्रोहियों ने लंबे समय से रसद गलियारा स्थापित करने के लिए कठिन इलाके का फायदा उठाया है। यह क्षेत्र अस्थिर रहा है, जहां कानून प्रवर्तन और चरमपंथी गुटों के बीच पिछले कई वर्षों से बार-बार गोलीबारी होती रही है। मौजूदा अभियान बस्तर संभाग में माओवादियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए एक सतत सुरक्षा अभियान का हिस्सा है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने छोटेबेठिया क्षेत्र में उग्रवादियों को भारी क्षति पहुंचाई है, जिससे यह क्षेत्र व्यापक माओवादी विरोधी रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोर्चा बन गया है।
यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर एक बड़ी सामरिक सफलता के तुरंत बाद हुआ है, जहां ग्रेहाउंड्स फोर्स ने मरेडपल्ली में तीन वरिष्ठ माओवादी कार्यकर्ताओं को मार गिराया था।