क्या कांवड़ यात्रा की आड़ में आए शरारती तत्वों पर कड़ी कार्रवाई होगी? : सीएम नायब सिंह सैनी

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा में श्रद्धा और आस्था का महत्व है।
- सरकार ने शरारती तत्वों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- गीता को सिलेबस में शामिल करना एक महत्वपूर्ण कदम है।
- धार्मिक यात्रा की सुरक्षा पर सरकार का ध्यान।
- समाज में अव्यवस्था फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को देवभूमि उत्तराखंड का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य में एक लाख रुपए के निवेश प्राप्त होने पर बधाई दी। साथ ही, उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान आए शरारती तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों से संवाद करते हुए कहा, "हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में अनेक निवेशक शामिल हुए थे। भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड का दौरा किया और इस समिट का जश्न मनाया। यह राज्य के विकास के लिए प्रेरणादायक है। मैं उत्तराखंड सरकार को इसके लिए बधाई देता हूं।"
कांवड़ यात्रा पर उन्होंने कहा, "यह एक श्रद्धा की यात्रा है। लोग भगवान शिव की आराधना हेतु दूर-दूर से आते हैं और गंगा के पवित्र जल को लेकर अपने गांवों में जाते हैं। यदि यात्रा में कोई शरारती तत्व विघ्न डालने का प्रयास करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
हरियाणा में गीता को स्कूल सिलेबस में शामिल करने के विषय में उन्होंने कहा, "हमने आठवीं कक्षा तक गीता को एक अध्याय के रूप में सम्मिलित किया है। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि गीता के पवित्र विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।"
सीएम ने 'ऑपरेशन कालनेमि' के अंतर्गत ढोंगी बाबाओं को पकड़ने की बात करते हुए कहा, "समाज में अव्यवस्था पैदा करने वाले तत्वों का कोई स्थान नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।"