क्या कांवड़ यात्रा से पहले सपा-भाजपा में सियासी टकराव हो रहा है?

Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा से पहले भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक संघर्ष बढ़ा है।
- सपा अध्यक्ष ने योगी सरकार पर आरोप लगाए हैं।
- डिप्टी सीएम ने करारा जवाब दिया है।
- कांवड़ यात्रा की सुविधाओं पर सवाल उठाए गए हैं।
- राजनीतिक दृष्टिकोण से यह मामला महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांवड़ यात्रा के आगाज़ से पहले भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कल योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार कांवड़ यात्रा के लिए कॉरिडोर क्यों नहीं बना रही है। इस पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को जवाब दिया।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "रामभक्तों पर गोलियां, शिवभक्तों पर लाठियां, कांवड़ियों को भजन तक नहीं करने दिया, नवरात्र और दीपावली में अंधेरा किया, मेडिकल कॉलेज से बाबा साहेब अंबेडकर जी का नाम हटाया, कब्रिस्तानों की बाउंड्री बनवाई, लेकिन हिंदुओं के अंत्येष्टि स्थल नहीं बनाए! अब कहते हैं, कांवड़ियों के लिए पथ बनाएंगे! श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का विरोध करते-करते अब मथुरा-वृंदावन धाम के निर्माण का भी विरोध कर रहे हैं!"
उन्होंने आगे लिखा, "फर्जी पीडीए के स्वयंभू चेयरमैन अखिलेश यादव जी, जब सत्ता थी तब तुष्टिकरण की चरम सीमा, अब धर्मनिष्ठा का दिखावा, आपकी नौटंकी अब नहीं चलेगी। 2047 तक सपा और इंडी ठगबंधन के लिए सत्ता के दरवाजे बंद हैं।"
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, "कांग्रेस के वयोवृद्ध अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी को केवल 'गांधी परिवार' का उपनाम सही तौर पर लेने का 'सख़्त प्रशिक्षण' दिया गया है, बाकी वह किसी भी शख़्सियत के उपनाम में छेड़छाड़ कर सकते हैं, भले ही वह देश की महामहिम राष्ट्रपति ही क्यों न हों।"
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि संसद में पारित वक्फ कानून को राजद की 'लालटेन' के 'लाल’ तेजस्वी यादव डस्टबिन में डालने का अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक दिन पहले अपने एक बयान में कहा था कि कांवड़ियों को धोखा देने के लिए दुकानें चेक कराते हैं। सपा सरकार बनने पर कांवड़ियों के लिए कॉरिडोर बनाएंगे और दुकानदारों को भी कोई समस्या नहीं होगी।