क्या अंशुल कंबोज को भारतीय टीम में जगह मिलने से घर में जश्न का माहौल है?

सारांश
Key Takeaways
- अंशुल कंबोज ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की।
- उनके कोच और परिवार में खुशी का माहौल है।
- उन्होंने 11 वर्षों तक कड़ी मेहनत की।
- अंशुल की यॉर्कर गेंदबाजी की तारीफ हो रही है।
- अंशुल के पिता ने उनके सपने को साकार करने में मदद की।
करनाल, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इंग्लैंड के बीच ओल्ड ट्रैफर्ड में बुधवार से शुरू हुआ ‘एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज’ का चौथा टेस्ट हरियाणा के करनाल के युवा क्रिकेटर अंशुल कंबोज के लिए बेहद खास है। करनाल के निवासी दाएं हाथ के तेज गेंदबाज अंशुल ने इस टेस्ट के माध्यम से अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की है। अंशुल के टेस्ट टीम में चयन से उनके कोच, परिवार और क्लब के साथी खिलाड़ियों में खुशी की लहर है।
अंशुल के कोच सतीश राणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अंशुल कंबोज का टेस्ट में डेब्यू हो चुका है। अंशुल के टीम इंडिया का हिस्सा बनने से हम बेहद खुश हैं। वह पिछले 11 वर्षों से लगातार मेहनत कर रहा है। कई-कई घंटे तक वह अभ्यास करता था। धूप और सर्दी की परवाह किए बिना, उसका एक ही सपना था, भारतीय टीम का हिस्सा बनना और वह अब पूरा हो गया है। मैंने उससे कहा है कि मैच पर ध्यान केंद्रित करें और अच्छा प्रदर्शन करें। अंशुल की यॉर्कर गेंदबाजी बहुत अच्छी है।
अंशुल के चाचा यशपाल कंबोज ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अंशुल बेहतरीन प्रदर्शन करेगा। उनके पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, इसलिए वे घर से बाहर नहीं निकल सकते। लेकिन परिवार में खुशी की लहर है। अंशुल को यहां तक पहुँचाने में उनके पिता ने बहुत संघर्ष किया है। पहले, वे अंशुल को गांव से शहर रोजाना खेलने के लिए लाते थे। आज उनका सपना भी पूरा हुआ है। हमें उम्मीद है कि जब भारत की गेंदबाजी आएगी तो अंशुल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा।
अंशुल के इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में चयन से उनके घर और क्लब में खुशी का माहौल बना हुआ है।