क्या कांग्रेस नेता एस. नागेश को कर्नाटक चुनाव आयोग का जवाब मिला?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक चुनाव आयोग ने पूर्व में किसी पत्र के प्राप्त नहीं होने की पुष्टि की।
- एस. नागेश ने जाली प्रविष्टियों का आरोप लगाया है।
- आयोग का जवाब, चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने का प्रयास है।
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
- इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी।
बेंगलुरु, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता एच. नागेश के मतदाता सूची से संबंधित पत्र का जवाब दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इससे पहले किसी प्रकार का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
कांग्रेस नेता एस. नागेश ने 31 जुलाई को कर्नाटक चुनाव आयोग को एक पत्र भेजा था। उन्होंने इस पत्र में आरोप लगाया था कि उन्होंने अप्रैल 2023 में अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मतदाता सूची में कथित जाली प्रविष्टियों की जानकारी के साथ एक सूची प्रस्तुत की थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
कर्नाटक चुनाव आयोग ने एस. नागेश को लिखे पत्र में कहा है, "इस कार्यालय के पास अप्रैल 2023 में आपसे प्राप्त किसी भी पत्र का रिकॉर्ड नहीं है, जिसमें 174-महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र से संबंधित मतदाता सूची में जाली प्रविष्टियों का उल्लेख हो।"
पत्र में आगे कहा गया है, "हमारे पास वैधानिक मतदाता सूची उपलब्ध है, जो ऑनलाइन भी देखी जा सकती है और चुनावों के दौरान हमेशा उम्मीदवारों को सौंपी जाती है। आप जब चुनावी प्रक्रिया में शामिल थे, तब से आपने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 80 के तहत कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की है।"
इससे पहले, नागेश ने आयोग को पत्र में कहा था, "हमने अपने निर्वाचन क्षेत्र 174 महादेवपुरा की मतदाता सूची में जाली प्रविष्टियों की जानकारी दी थी। यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। हालाँकि, हमने संबंधित दस्तावेज खो दिए हैं और हमारे पास इसकी एक प्रति नहीं है। कृपया हमें उस दस्तावेज की एक प्रति दें।"