क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें समाप्त हो गई हैं?
सारांश
Key Takeaways
- यथिंद्र सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज किया।
- मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कार्यकाल को लेकर विश्वास व्यक्त किया गया।
- कांग्रेस में गुटों की कोई स्थिति नहीं है।
- भाजपा में गुटबाजी की समस्या है।
बेलगावी, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के अंदर नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और एमएलसी यथिंद्र सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया है कि राज्य में नेतृत्व में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग मुख्यमंत्री पद में बदलाव की बातें कर रहे हैं, वे “सपने देख रहे हैं।”
बेलगावी में विधानसभा सत्र से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए यथिंद्र सिद्धारमैया ने कहा, “उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। इस पर हाईकमान स्पष्ट कर चुका है कि यह सही समय नहीं है और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “मामला यहीं खत्म हो गया। अब कोई विवाद नहीं है। विपक्षी दल अफवाह फैलाकर गलत धारणा पैदा कर रहे हैं।”
जब सवाल किया गया कि क्या बेलगावी सत्र के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की संभावना है, तो यथिंद्र ने कहा, “वे कई सालों से ऐसा कहते आ रहे हैं। हर बार दावा किया जाता है कि इस साल या अगले साल सीएम बदलेंगे। वे सिर्फ सपने देख रहे हैं।”
क्या सिद्धारमैया पूरा पाँच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे? इस पर उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर मुझे पूरा भरोसा है कि वे कार्यकाल पूरा करेंगे। दिल्ली में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं है। हाईकमान ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को तलब नहीं किया है और राज्य में किसी भी प्रकार का नेतृत्व संकट नहीं है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमएलसी बी.के. हरिप्रसाद ने भी कहा कि कर्नाटक कांग्रेस में किसी प्रकार का गुट नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस में सिर्फ एक ही गुट है, मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का।”
उन्होंने मंत्री सतीश जारकीहोली का बचाव करते हुए कहा, “वे पिछड़े वर्गों के लिए आवाज उठाने वाले नेता हैं और इसमें कोई गलत बात नहीं है। गुटबाजी ज्यादा भाजपा में है।”
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा में गुटबाजी और मतभेद कहीं ज्यादा हैं। कई नेता विपक्ष के नेता आर. अशोक और राज्य अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र को हटाने की कोशिश में लगे हैं। कांग्रेस पर टिप्पणी करने से पहले भाजपा को अपना घर संभालना चाहिए।”