क्या मंत्री संतोष लाड से 'धारवाड़ ध्वनि संगठन' की मांग है कि 'किसानों के लिए खरीद केंद्र खोले जाएं'?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु खरीद केंद्रों की आवश्यकता है।
- धारवाड़ ध्वनि संगठन ने किसानों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है।
- सरकार को जलभराव और अन्य मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।
- मंत्री संतोष लाड ने बीआरटीएस मार्ग का निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है।
- संगठन की पहल स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
धारवाड़, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ क्षेत्र में बीआरटीएस कॉरिडोर और किसानों से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु मंत्री संतोष लाड ने सोमवार को सर्किट हाउस में 'धारवाड़ ध्वनि संगठन' के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
हाल ही में धारवाड़ जिले में हुई भारी बारिश के कारण खरीफ फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को गंभीर नुकसान झेलना पड़ा है। इस पर संगठन ने मांग की कि सरकार तुरंत जिले के विभिन्न स्थानों पर मूंग, सोयाबीन और उड़द के लिए खरीद केंद्र खोले और मुआवजा राशि को बिना किसी देरी के जारी किया जाए।
बैठक में संगठन ने अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा की, जिनमें कुछ स्थानों पर मिक्स्ड-ट्रैफिक की सुविधा, पैदल यात्रियों और हल्के वाहनों के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग, बीआरटीएस जंक्शन पर शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था, जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान, नवलूर और उणकल के पास पुलों की मरम्मत, और हुबली रेलवे स्टेशन से सुबह की बस सेवाएं शुरू करने शामिल थे।
इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करते हुए मंत्री लाड ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी सुविधाओं से जुड़ी प्रस्तावनाएं पहले से तैयार करें ताकि बजट, सरकारी मंजूरी और योजनाएं शीघ्रता से लागू की जा सकें।
मंत्री लाड ने यह भी कहा कि वे 6 सितंबर को स्वयं बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) मार्ग का निरीक्षण करेंगे और वहां जाकर हकीकत का ज्ञान प्राप्त करेंगे।
इस बैठक में धारवाड़ के डिप्टी कमिश्नर दिव्यप्रभु, जिला पंचायत के सीईओ भुवनेश पाटिल, बीआरटीएस की एमडी सावित्री कड़ी, नगरसेवक डॉ. मूर मोरे, धारवाड़ ध्वनि के अध्यक्ष ईश्वर शिवल्ली, और संगठन के अन्य प्रमुख सदस्य दीपक चिंचोरे और गुरुराज हुन्शीमरद भी उपस्थित थे।
'धारवाड़ ध्वनि संगठन' की यह पहल जनता की आवाज को सरकार तक पहुँचाने के लिए एक मजबूत कड़ी मानी जा रही है।