क्या करूर हादसे के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीड़ितों से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- करूर हादसे में 41 लोगों की जान गई।
- वित्त मंत्री ने पीड़ितों से मुलाकात की।
- सरकार ने आर्थिक सहायता की घोषणा की।
- जांच का आदेश दिया गया है।
- सुरक्षा नियमों में बदलाव की आवश्यकता पर विचार किया जा रहा है।
करूर हादसा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घायलों और पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को तमिलनाडु के करूर का दौरा किया। यह दौरा उन्होंने 27 सितंबर को अभिनेता-राजनेता विजय की टीवीके रैली के दौरान हुई भगदड़ में मारे गए लोगों और घायल हुए लोगों के परिवारों को सांत्वना देने के लिए किया था। इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी और 67 लोग घायल हो गए थे।
केंद्रीय मंत्री एल मुरूगन और तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नयनार नागेंद्रन के साथ करूर पहुंचीं सीतारमण ने सबसे पहले वेलायथंपलायम में उस घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां यह हादसा हुआ था।
स्थानीय अधिकारियों और पुलिसकर्मियों से बात करके उन्होंने यह समझने का प्रयास किया कि इतनी बड़ी भीड़ कैसे जानलेवा हो गई। इसके बाद वह करूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और अन्य उपचार केंद्रों में गईं, जहां उन्होंने घायल लोगों और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, उन्हें सांत्वना दी और केंद्र सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया।
विजय के टीवीके अभियान में भाषण खत्म होने के बाद हजारों लोग अचानक आगे बढ़े, जिससे भगदड़ मच गई। इस स्थान पर हुए इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कुछ घायल लोग गंभीर हालत में हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। देशभर से इस घटना पर दुख और समर्थन के संदेश आ रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस हादसे पर कहा कि उन्हें जानों की इस अकल्पनीय हानि से गहरा दुख हुआ है और उन्होंने घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जो हादसे के कुछ ही घंटों में करूर पहुंचे, उन्होंने दुर्घटना स्थल और अस्पतालों का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है। इस हादसे की वजह से राजनीतिक रैलियों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
लोग स्थानीय प्रशासन और आयोजकों की तैयारियों पर सवाल उठा रहे हैं। रिटायर्ड जज अरुणा जगदीसन की अगुवाई में एक न्यायिक जांच शुरू हो चुकी है, जो हादसे की वजहों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी।
मृतकों के परिवारों ने सरकार की मदद के लिए आभार जताया है, लेकिन वे जवाब और भविष्य में सार्वजनिक आयोजनों के लिए सख्त सुरक्षा नियमों की मांग कर रहे हैं।