क्या करूर में हुई भगदड़ ने 40 लोगों की जान ले ली?

सारांश
Key Takeaways
- भगदड़ की घटना ने 40 लोगों की जान ली।
- महिला ने अपनी मां को भीड़ में खोया।
- इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यवस्थाएं करनी होंगी।
- इस घटना ने करूर के निवासियों को हिलाकर रख दिया।
चेन्नई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के नेता विजय की चुनावी रैली में हुई भगदड़ ने 40 लोगों की जान ले ली। इस घटना में अपनी मां को खोने वाली एक महिला ने कहा, "मैंने देखा कि भीड़ अपनी आंखों के सामने मेरी मां को कुचल रही थी।"
महिला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं और मेरी बहन विजय के वाहन के पास गिर गए थे, जबकि मेरी मां मुझे बचाने आईं, लेकिन वह भीड़ में फंस गईं। बहुत से लोग विजय की गाड़ी के पास पहुंचने के लिए आगे बढ़े। मैं सांस नहीं ले पा रही थी और मुझे बाहर निकलने में एक घंटे से ज्यादा का समय लगा। मैंने अपने जूते उतारे और किसी तरह धक्का देकर बाहर निकली। मैंने देखा कि भीड़ मेरी मां को आंखों के सामने ही कुचल रही थी। मैंने कई बार मदद मांगी, लेकिन कोई भी मेरी मदद के लिए नहीं आया। काश उन्हें पहले बचा लिया जाता, तो शायद मेरी मां बच जातीं। भीड़ ने उनकी छाती और गले को दबा दिया था।"
महेश्वरी के बेटे प्रशांत ने बताया, "शनिवार को मेरी मां मंदिर गई थीं। मंदिर से लौटते समय उन्होंने विजय के चुनावी प्रचार को देखने के लिए थोड़ी देर रुकने का निर्णय लिया। दुर्भाग्यवश, उसी समय भीड़ में भगदड़ मच गई। सभी लोग आगे बढ़ने लगे और मेरी मां भी भीड़ के साथ खिंच गईं। मेरी बहन और उसका बच्चा भी उसी भीड़ में फंस गए। जब मेरी मां ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तो वह खुद दब गईं और उनकी मृत्यु हो गई।"
प्रशांत ने कहा, "मां के बिना हमारा घर सुनसान है। वह एक दयालु महिला थीं, जिन्होंने अपनी जान दूसरों की रक्षा में दे दी। हमें उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएंगी।"
महेश्वरी के पति साक्थिवेल ने कहा, "क्या सच में इस तरह की सभा की जरूरत है? क्या इसे इतनी छोटी जगह में आयोजित करना आवश्यक था? मेरी पत्नी को इतने लोगों के पैरों तले कुचलकर मरना पड़ा। अगर इसका अंत ऐसे ही होगा, तो कुछ हासिल करने का क्या मतलब है?"
यह घटना करूर के निवासियों के लिए एक बड़ा सदमा साबित हुई है। लोग इस तरह के आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं।