क्या करूर हादसे से सबक लेगी सरकार? सीएम स्टालिन का बयान

सारांश
Key Takeaways
- करूर हादसा पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है।
- मुख्यमंत्री ने सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया है।
- मृतकों के परिवारों को राज्य सहायता प्रदान की गई है।
- सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं।
- सुरक्षा प्रबन्धों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
चेन्नई, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने करूर की अत्यंत दुखद घटना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सरकार सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि करूर की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है और उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 27 सितंबर को तमिलगा वेत्री कझगम पार्टी ने करूर के वेलुचामिपुरम में एक राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसे 11 शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी। पुलिस विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था की थी, लेकिन भीड़ नियंत्रण और सुविधाओं की कमी के कारण स्थिति बिगड़ गई। कार्यक्रम में 10,000 से अधिक लोग पहुंचे और भीड़ बढ़ने के कारण अफरा-तफरी मच गई, जिससे महिलाओं और बच्चों में भगदड़ की स्थिति बन गई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुल 606 पुलिसकर्मी तैनात थे और भीड़ को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन अव्यवस्था के कारण 41 लोगों की जान चली गई, जिनमें 13 पुरुष, 18 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे। घटना के तुरंत बाद सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव और एनएचएम निदेशक को करूर भेजा। मुख्यमंत्री ने घटना स्थल पर जाकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और विशेष चिकित्सा व्यवस्था के लिए निर्देश दिए। करूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 400 अतिरिक्त बिस्तर जोड़े गए और 152 चिकित्सा कर्मियों को अन्य जिलों से बुलाया गया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल 47 व्यक्तियों को एक-एक लाख रुपए और 55 अन्य को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की। घटना की जांच के लिए सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीश अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग और आईजी असरा गर्ग आईपीएस के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से अपील की कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों और लोगों के जीवन को प्राथमिकता दें, जो अमूल्य है।