क्या नए साल के स्वागत में काशी पूरी तरह से तैयार है?
सारांश
Key Takeaways
- काशी में नए साल के स्वागत के लिए सुरक्षा का कड़ा प्रबंध।
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रास्तों में बदलाव।
- ड्रोन कैमरों द्वारा निगरानी।
- महिला पुलिस बल की विशेष तैनाती।
- सोशल मीडिया पर निगरानी।
वाराणसी, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नए साल के आगमन के लिए काशी नगरी पूरी तरह शिवमय हो चुकी है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन और गंगा आरती में शामिल होने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का सैलाब वाराणसी पहुंच रहा है।
25 दिसंबर से ही लगातार लाखों की संख्या में लोग काशी आ रहे हैं और जैसे-जैसे नया साल नजदीक आ रहा है, यह संख्या कई गुना बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए काशी में हाई अलर्ट घोषित किया गया है और सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं।
गोदौलिया से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक पूरे रास्ते में बैरिकेडिंग की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई रास्तों को बदला गया है और अलग-अलग डाइवर्जन प्वाइंट बनाए गए हैं। पुलिस प्रशासन लगातार अनाउंसमेंट करवा रहा है ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो और वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
एसीपी अतुल अंजन त्रिपाठी ने बताया कि 25 दिसंबर से ही देश और विदेश से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं और नववर्ष पर संख्या ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बैरिकेडिंग, डाइवर्जन और नो-व्हीकल जोन बनाए गए हैं। मंदिर और घाटों के आसपास के संवेदनशील इलाकों पर खास नजर रखी जा रही है।
घाट क्षेत्र में ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही सिविल पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनाती की गई है। कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। कई पेट्रोलिंग पार्टियां लगातार मंदिर परिसर और घाटों के आसपास गश्त कर रही हैं। महिलाओं की भारी भीड़ को देखते हुए महिला पुलिस बल को भी विशेष रूप से तैनात किया गया है।
सिर्फ जमीनी स्तर पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी पुलिस की कड़ी नजर है। अगर किसी तरह की भ्रामक या गलत जानकारी फैलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह से माहौल खराब न हो। भीड़ लगातार बढ़ने के कारण मंदिर प्रशासन ने अस्थायी तौर पर स्पर्श दर्शन व्यवस्था और कुछ विशेष प्रोटोकॉल पर रोक लगा दी है, ताकि दर्शन सुचारू रूप से हो सकें।
ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं। मंदिर के आसपास दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है। मेहरागंज से लेकर गोदौलिया, कदौदिया और सुनारपुरा तक वाहनों की आवाजाही पर रोक है। इसका मकसद यही है कि श्रद्धालु पैदल ही आराम से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकें, गंगा आरती का आनंद ले सकें और काशी की आध्यात्मिक अनुभूति को महसूस कर सकें।
श्रद्धालु भी इन व्यवस्थाओं से काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं। शिकागो से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि भीड़ तो काफी है, लेकिन व्यवस्था बहुत ही सुंदर है। इतने अच्छे इंतजाम हैं कि दर्शन करने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश हैं और बाबा के दर्शन कर मन को शांति मिली है।
वहीं, बीकानेर से आए श्रद्धालु ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव की नगरी है और यहां की ऊर्जा ही अलग है। नए साल के मौके पर भीड़ बहुत ज्यादा है, लेकिन उसके बावजूद व्यवस्था शानदार है।
उन्होंने कहा कि काशी आकर मन को जो सुकून मिलता है, वह कहीं और नहीं मिलता। चारों तरफ आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है। वे काल भैरव के दर्शन कर चुके हैं और अब बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद मणिकर्णिका घाट और नमो घाट जाने की योजना है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि नए साल की शुरुआत अगर काशी में हो जाए तो पूरा साल शुभ हो जाता है। इसी आस्था और विश्वास के साथ लाखों लोग यहां पहुंच रहे हैं।