क्या 2025 में पहलगाम हमले के बाद कश्मीर पर्यटन में सुधार हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में कश्मीर पर्यटन को अधिकारी झटका
- पहलगाम हमला पर्यटन पर प्रभाव
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
- नए साल के जश्न के लिए पर्यटकों की वापसी
- डल झील पर चहल-पहल लौट रही है
श्रीनगर, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के लिए आसान नहीं रहा है, लेकिन साल के अंत तक स्थितियों में सुधार की संभावनाएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई थी) ने कश्मीर के पर्यटन को एक बड़ा झटका दिया। इस हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखी गई।
हमले के बाद कश्मीर आने वाले सैलानियों की संख्या में 2024 की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रिकॉर्ड की गई। होटल खाली रहे, शिकारा घाटों पर सन्नाटा छाया रहा और टैक्सी चालकों से लेकर गाइड तक की आजीविका प्रभावित हुई। लेकिन जैसे-जैसे नया साल नजदीक आ रहा है, कश्मीर पर्यटन में फिर से जीवंतता लौटती नजर आ रही है।
श्रीनगर की पहचान मानी जाने वाली डल झील पर अब धीरे-धीरे चहल-पहल लौट रही है। शिकारे फिर से पर्यटकों से भरने लगे हैं। सर्दियों का मौसम, बर्फबारी, विंटर स्पोर्ट्स और नए साल के जश्न के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक कश्मीर का रुख कर रहे हैं।
दिल्ली से आए एक पर्यटक ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "इस साल काफी डर का माहौल था, लेकिन आज यहां आकर अच्छा लग रहा है। हमें किसी तरह का डर महसूस नहीं हो रहा। लोग बहुत अच्छे हैं और स्वागत भी शानदार है। मैं सभी से कहना चाहता हूं कि लोग आएं और कश्मीर का आनंद लें।"
उत्तर प्रदेश के कानपुर से आई किरन ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, "पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों की संख्या कम हो गई थी, लेकिन हम कुछ महीनों बाद यहां आए हैं। हमें यहां पूरी तरह से सुरक्षित महसूस हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था बहुत अच्छी है। जो लोग कश्मीर आना चाहते हैं, वे बिल्कुल बिना झिझक के आ सकते हैं।"
डल झील के शिकारा चालकों और टैक्सी चालकों का कहना है कि अब पर्यटकों को देखकर दिल खुश हो जाता है। एक शिकारा चालक ने कहा, "जब टूरिस्ट आते हैं तो हमें भी फायदा होता है। आज डल झील पर टूरिस्ट देखकर सारा शिकारा वाला, गाड़ी वाला, हर कोई खुश हो गया है।"
कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारी रऊफ ट्राम्बू ने कहा कि यह साल पर्यटन के लिहाज से अच्छा नहीं रहा। उन्होंने बताया, "पिछले तीन-चार साल जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत अच्छे रहे थे, लेकिन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के कारण पर्यटन को भारी नुकसान हुआ। हालांकि अब पिछले 8 से 10 दिनों में बुकिंग में सुधार देखने को मिल रहा है। इससे हमें उम्मीद है कि हालात धीरे-धीरे बेहतर होंगे।"
पर्यटन से जुड़े लोगों का कहना है कि श्रीनगर और पहलगाम में होटलों की बुकिंग बढ़ रही है। खासतौर पर नए साल के जश्न के लिए पर्यटक कश्मीर पहुंच रहे हैं।
पहलगाम घूमने आई दीक्षा ने कहा, "यह मेरी कश्मीर की पहली यात्रा है, और यहां की खूबसूरती शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। सुरक्षा व्यवस्था बहुत अच्छी है, और हम यहां नया साल मनाने आए हैं।"
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात ऐसे ही शांत रहे और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनी रही, तो आने वाले महीनों में कश्मीर पर्यटन एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकता है। विंटर टूरिज्म, बर्फबारी और त्योहारी सीज़न घाटी के लिए नई उम्मीद लेकर आए हैं।
2025 कश्मीर पर्यटन के लिए मुश्किलों भरा साल रहा, लेकिन साल के अंत में लौटते सैलानियों से यह संकेत मिल रहा है कि कश्मीर का पर्यटन एक बार फिर मुस्कुराने की राह पर है।