क्या कौशांबी में धार्मिक कड़ा धाम के कुबरी घाट पर 2.41 करोड़ की आरती स्थल परियोजना लगभग तैयार है?
सारांश
Key Takeaways
- कड़ा धाम का आरती स्थल लगभग तैयार है।
- यह परियोजना श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण सुनिश्चित करेगी।
- कौशांबी का यह स्थान धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केन्द्र बनेगा।
लखनऊ, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कौशांबी जिले की सिराथू तहसील में स्थित कड़ा धाम के कुबरी घाट पर विकसित किया जा रहा आरती स्थल अब लगभग पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। 2.41 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली यह परियोजना न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और भावनात्मक वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मां शीतला धाम इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है और यह करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
उन्होंने कहा कि कड़ा धाम का यह विकास कार्य धार्मिक परंपराओं और श्रद्धा को समर्पित है, और राज्य सरकार का प्रयास है कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। जयवीर सिंह ने बताया कि कौशांबी जिला धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर एक उभरता सितारा है, जो बौद्ध धरोहरों से लेकर हिन्दू आस्था तक का महत्वपूर्ण केन्द्र है।
कुबरी घाट को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है, जहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान, पूजा और अनुष्ठान के लिए आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आरती स्थल का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्कंद पुराण के अनुसार, कराकोटम वन में जिस स्थान पर सती का दाहिना कर गिरा, वही स्थान वर्तमान में कड़ा धाम के नाम से प्रसिद्ध है।
शीतला धाम सदियों से शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र रहा है, और इसी आस्था परंपरा को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार व्यापक विकास कार्य कर रही है।
मंत्री ने यह भी कहा कि वर्ष 2025 की पहली छमाही में 14.76 लाख से अधिक पर्यटक कौशांबी आए, जिनमें सबसे अधिक संख्या मां शीतला के दर्शन करने वालों की रही। सरकार का लक्ष्य धार्मिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करके श्रद्धालुओं को एक सहज, सुरक्षित और बेहतर अनुभव प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि कुबरी घाट पर आरती स्थल के पूर्ण होने के बाद यहाँ का धार्मिक वातावरण और भी भव्य और व्यवस्थित होगा। आने वाले समय में इस क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं का और विस्तार किया जाएगा, ताकि कौशांबी धार्मिक पर्यटन का राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख केंद्र बन सके।