क्या केंद्र ने धान की नमी नियमों पर तमिलनाडु की मांग को अस्वीकार किया? : स्टालिन

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क्या केंद्र ने धान की नमी नियमों पर तमिलनाडु की मांग को अस्वीकार किया? : स्टालिन

सारांश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने भारी बारिश के बाद धान की खरीद के लिए राज्य की नमी बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया। यह निर्णय किसानों के लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।

Key Takeaways

  • केंद्र ने धान की नमी नियमों को खारिज किया।
  • स्टालिन ने किसानों के हितों की रक्षा की मांग की।
  • किसान भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं।
  • केंद्र से राहत की उम्मीदें बनी हुई हैं।
  • किसानों की आवाज़ को अनसुना नहीं किया जाना चाहिए।

चेन्नई, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को केंद्र सरकार की आलोचना की क्योंकि उसने भारी बारिश के बाद धान की खरीद के लिए राज्य की नमी बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया।

राज्य ने उन किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए नमी की सीमा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने की मांग की थी, जिनकी कटाई हुई धान लगातार बारिश में खराब हो गई थी।

केंद्र के फैसले को “तमिलनाडु के साथ एक और धोखा” बताते हुए, स्टालिन ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि केंद्र सरकार किसानों की आवश्यक मांग को मानने से क्यों इनकार कर रही है।

उन्होंने लिखा, “क्या प्रधानमंत्री भारी बारिश के कारण ज्यादा नमी वाले धान की खरीद के लिए तमिलनाडु की मांग नहीं सुन सकते थे? उन्होंने हमारे किसानों की आवाज क्यों नहीं सुनी? उनके आंसू क्यों नहीं देखे?”

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पहले भी कई बार ऐसे मौसम संकट के दौरान केंद्र सरकार ने तमिलनाडु की मांग पर नमी के नियमों में ढील दी थी।

स्टालिन ने पूछा, “केंद्र सरकार, जिसने पहले हमारी मांग मान ली थी, इस बार इसे क्यों ठुकरा रही है?” उन्होंने कहा कि यह मनाही ऐसे समय में हुई है जब किसान बारिश से हुए नुकसान के लिए जरूरी राहत के बिना संघर्ष कर रहे हैं।

स्टालिन ने आगे सवाल उठाया कि भाजपा की केंद्र सरकार किसानों को मदद देने की उम्मीद कैसे कर सकती है, जबकि वह आपदा मुआवजा और खरीद के नियमों में ढील देने से इनकार कर रही है। उन्होंने केंद्र से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की और उम्मीद जताई कि केंद्र किसान समुदाय के हित में सही कदम उठाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर के अंत में तीन केंद्रीय टीमें बारिश से प्रभावित जिलों का दौरा कर चुकी हैं और खेतों से सैंपल इकट्ठा कर चुकी हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में, स्टालिन ने प्रधानमंत्री को फिर से पत्र लिखा, जिसमें राज्य की मांग दोहराई गई और तुरंत मंजूरी की अपील की गई।

Point of View

सरकार को किसानों की आवश्यकताओं पर ध्यान देना चाहिए।
NationPress
20/11/2025

Frequently Asked Questions

क्यों केंद्र ने धान की नमी नियमों को खारिज किया?
केंद्र ने यह निर्णय राज्य की मांग को नजरअंदाज करते हुए लिया, जो किसानों के लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।
स्टालिन ने केंद्र पर क्या आरोप लगाए?
स्टालिन ने केंद्र को 'धोखा' देने का आरोप लगाया है, क्योंकि उन्होंने किसानों की मांग को अस्वीकार किया।
क्या किसान अब भी राहत की उम्मीद कर सकते हैं?
मुख्यमंत्री ने केंद्र से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है, जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद बनी है।
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