क्या केंद्र सरकार ने राजस्थान और झारखंड के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 723 करोड़ रुपए जारी किए?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने 723 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया है।
- यह अनुदान राजस्थान और झारखंड के लिए है।
- अनुदान का उद्देश्य ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करना है।
- यह राशि पंचायती राज संस्थाओं के लिए है।
- आवंटित राशि का उपयोग स्वच्छता और पेयजल सेवाओं में सुधार हेतु किया जाएगा।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत राजस्थान और झारखंड के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 723 करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान जारी किया है। यह जानकारी पंचायती राज मंत्रालय ने शुक्रवार को साझा की।
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया कि केंद्र सरकार ने राजस्थान और झारखंड में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को मजबूत करने हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान अनुदान जारी किए हैं।
बयान में आगे कहा गया कि राजस्थान में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24 पात्र जिला पंचायतों, 339 ब्लॉक पंचायतों और 3,857 ग्राम पंचायतों के लिए अन्टाइड अनुदान के तहत 303.0419 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की गई है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अन्टाइड अनुदान की पहली और दूसरी किस्त में से 145.24 करोड़ रुपए भी राजस्थान के अतिरिक्त पात्र ग्रामीण स्थानीय निकायों को जारी किए गए हैं।
वहीं, केंद्र सरकार ने झारखंड राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अन्टाइड अनुदान की 275.1253 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की है। यह राशि राज्य की सभी पात्र 24 जिला पंचायतों, 253 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 4,342 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए है।
मंत्रालय के अनुसार, सरकार वित्त मंत्रालय से पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई)/ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त वर्ष के अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है।
आवंटित अनुदान एक वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी किए जाते हैं। अन्टाइड अनुदानों का उपयोग पीआरआई/आरएलबी द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में उल्लेखित उनतीस विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। यह वेतन और अन्य स्थापना लागतों को शामिल नहीं करता है।
प्रतिबंधित अनुदानों का उपयोग स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त स्थिति का रखरखाव करने में किया जाएगा, जिसमें घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन एवं उपचार, विशेष रूप से मानव अपशिष्ट और कीचड़ प्रबंधन शामिल हैं, तथा पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है।