क्या केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन का आरोप सही है? तेजस्वी यादव चुनाव में फर्जीवाड़ा चाहते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- राजीव रंजन ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- चुनाव आयोग ने तेजस्वी के नाम की पुष्टि की है।
- लोकतंत्र में सही पहचान पत्र की जरूरत है।
- फर्जी मतदाता को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
- राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एसआईआर के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वे चुनाव में फर्जीवाड़ा चाहते हैं और उनका यह फर्जीवाड़ा पूरे देश ने देखा है।
राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा मतदाता सूची से अपना नाम गायब होने के दावे पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने कहा, "तेजस्वी यादव फर्जीवाड़ा चाहते हैं और देश ने इसे देखा है। वे गलत मतदाता पहचान पत्र संख्या का उपयोग कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें सही पहचान पत्र संख्या बताई है। अब उन्हें चुनाव आयोग को सही जानकारी देनी चाहिए ताकि सही ईपिक नंबर की जांच हो सके। लोकतंत्र जनता के डर से चलता है, जिसे उन्होंने खो दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां भी फर्जी मतदाता होंगे, वहां ऐसा ही होगा। उन्हें बस अवैध मतदाता चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग इसकी इजाजत नहीं दे सकता। दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है जो कहे कि कोई गैर-नागरिक भी वोट डाल सकता है। हर देश कहता है कि मेरे देश का नागरिक ही यहां का मतदाता होगा। चुनाव आयोग यही कह रहा है कि अगर आप इस देश के नागरिक हैं तो इसका प्रमाण दीजिए।"
बता दें कि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि विशेष गहन पुनरीक्षण मतदाता सूची से उनका नाम गायब है।
इस पर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) ने रविवार को जवाब दिया। उन्होंने बताया कि तेजस्वी का नाम 181-दीघा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 204 की मतदाता सूची में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है।