क्या केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा, कहा- देश लोकतंत्र के अनुसार चलता है?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
- ललन सिंह ने कहा कि देश लोकतंत्र के अनुसार चलता है।
- चुनाव आयोग ने 11 वैध दस्तावेज सूचीबद्ध किए हैं।
- मतदाता सत्यापन प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है।
- आपत्तियों के लिए एक माह का समय दिया गया है।
कोलकाता, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में आरोपों का दौर जारी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का एटम बम (सबूत) है; जो जब फटेगा तो चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह देश लोकतंत्र के अनुसार चलता है। राहुल को यह गलतफहमी है कि देश उनके अनुसार चलेगा।
राहुल गांधी के आरोप पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सत्यापन के लिए 11 वैध दस्तावेज सूचीबद्ध किए हैं, जो संविधान के अनुरूप हैं। संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि केवल भारतीय नागरिक ही वोट दे सकते हैं। संविधान किसी बाहरी या फर्जी मतदाता को वोट देने का अधिकार नहीं देता है। एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है। यदि किसी को आपत्ति है कि उसका वोट काटा गया है तो उसके पास एक माह का समय है, वह आपत्ति दर्ज करा सकता है।
ललन सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी पहले संविधान की किताब लेकर घूमते थे, संविधान का दुहाई देते थे, लेकिन अब वे संविधान विरोधी बातें कर रहे हैं। क्या वे यह नहीं चाहते कि देश का वैध मतदाता चुनाव प्रक्रिया में भाग लें? क्या वे गैर-नागरिकों या फर्जी मतदाताओं को वोटिंग का अधिकार दिलाना चाहते हैं? यदि ऐसा है तो उन्हें खुलकर अपनी बात कहनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह से वे लगातार आयोग की निष्पक्षता पर सवाल कर रहे हैं, यह गुमराह करने का प्रयास है, और देश की जनता उनके इस रवैये को देख रही है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनका वोट काटा गया। ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ऐसे राजनीति करते हैं, उन्हें तथ्यों की कोई चिंता नहीं है। वह बिना तथ्यों के राजनीति करते हैं। जब चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है, तो किसी के स्पष्टीकरण की क्या आवश्यकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की है।
इस सूची को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी किया गया है, जहां मतदाता अपने नाम की जांच कर सकते हैं। ड्राफ्ट सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए दावे और आपत्तियां 1 सितंबर तक दर्ज की जा सकती हैं।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            