क्या केंद्रीय मंत्री शिवराज पंजाब में बाढ़ की स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय मंत्री शिवराज बाढ़ की स्थिति का आकलन करने पंजाब जाएंगे।
- राज्य में 12 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है।
- लगभग 30 लोग मारे गए हैं और लाखों प्रभावित हुए हैं।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
- बचाव कार्य जारी है और रेड अलर्ट जारी किया गया है।
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को पंजाब में बाढ़ के कारण हुए व्यापक नुकसान का आंकलन करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे। इससे पहले उन्होंने बुधवार को पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। ज्ञात हो कि राज्य में लगातार बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मैंने पंजाब में भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति पर पंजाब के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से चर्चा की और विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मैं गुरुवार सुबह पंजाब पहुंचकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपने भाई-बहनों से मिलूंगा। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी मजबूती के साथ पंजाब के भाई-बहनों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान करेगी।"
लगातार भारी बारिश और भाखड़ा समेत प्रमुख बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण नदियां उफान पर हैं, जिससे पंजाब भीषण बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ ने कम से कम 12 जिलों में तबाही मचाई है, जिसमें करीब 30 लोग मारे गए हैं और लाखों निवासी प्रभावित हुए हैं। पटियाला, जालंधर, कपूरथला, नवांशहर, रूपनगर, मोगा, लुधियाना, बरनाला और संगरूर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के अनुसार, 1,300 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं और लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, खासकर धान की फसल कटाई के मौसम से कुछ हफ्ते पहले ही बर्बाद हो गई है।
भारतीय मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और चेतावनी दी है कि आगे भारी बारिश से स्थिति और बिगड़ सकती है। बचाव और राहत अभियान जारी है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय अधिकारी फंसे हुए लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।
हालांकि, बढ़ता जलस्तर अभी भी चुनौतियां पेश कर रहा है।