क्या केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात की?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री की उपराष्ट्रपति के साथ बैठक में विमानन क्षेत्र के विकास पर चर्चा हुई।
- नई योजनाएं और पहलों ने किफायती हवाई यात्रा को सशक्त बनाया है।
- आरसीएस-उड़ान योजना का उद्देश्य कम सेवा वाले मार्गों पर हवाई संपर्क को बढ़ाना है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने मंगलवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संसद भवन में भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। इस बैठक में उपराष्ट्रपति को वर्तमान आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप भारत के नागरिक विमानन क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए महत्वपूर्ण उपायों और पहलों की जानकारी दी गई।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को किफायती हवाई यात्रा और प्रमुख बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता से अवगत कराया गया। इसमें नए हवाई अड्डों का उद्घाटन, हवाई संपर्क का विस्तार, यात्री यातायात में रिकॉर्ड वृद्धि, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना और नागरिक उड्डयन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रयास जैसे पहल शामिल हैं।
उपराष्ट्रपति को आरसीएस-उड़ान योजना के बारे में जानकारी दी गई, जिसका उद्देश्य कम सेवा वाले मार्गों पर हवाई संचालन को बढ़ाना, संतुलित क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करना और आम जनता के लिए उड़ान को सुलभ बनाना है। इस ब्रीफिंग में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और हवाई अड्डों पर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए मंत्रालय की पहलों पर भी चर्चा की गई।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को भारतीय विमानन अधिनियम, 2024 के प्रमुख प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई। यह एक ऐतिहासिक विधायी सुधार है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा, नवाचार, विकास और वैश्विक अनुपालन को बढ़ाकर भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और क्षेत्रीय आर्थिक एवं पर्यटन संभावनाओं को उजागर करने में उड़ान जैसी पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अप्रयुक्त हवाई पट्टियों के पुनरुद्धार के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और विमानन क्षेत्र के तेजी से विस्तार के अनुरूप पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण विमानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।