क्या केरल में भारी बारिश आने वाली है? अरब सागर में चक्रवात ने मौसम को किया प्रभावित

सारांश
Key Takeaways
- केरल में 11 से 15 अक्टूबर के बीच भारी बारिश की संभावना है।
- अरब सागर में बने चक्रवात ने मौसम की स्थिति को प्रभावित किया है।
- मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
- भूस्खलन और बाढ़ के खतरों से सावधान रहने की सलाह दी गई है।
- बिजली गुल होने और जलभराव की समस्याएं भी हो सकती हैं।
तिरुवनंतपुरम, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल में आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती क्षेत्र बन गया है, जो केरल में बारिश की तीव्रता को बढ़ा सकता है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस चक्रवात के कारण मौसम की स्थिति में खराबी आ सकती है। 11 से 15 अक्टूबर के बीच राज्य में हल्की से लेकर भारी बारिश और तेज हवाओं का सामना करना पड़ सकता है। केरल के अलावा, माहे में भी इसी दौरान बारिश के साथ गरज-चमक और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से 12 अक्टूबर को पत्तनमतिट्टा, इडुक्की, पालक्काड, मलप्पुरम और वायनाड में भारी बारिश का अनुमान है। इन जिलों में 64.5 मिलीमीटर से लेकर 115.5 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है।
आईएमडी ने कहा, "12 से 17 अक्टूबर के बीच राज्य के एक या दो हिस्सों में हर 24 घंटे में 7 से 11 सेंटीमीटर तक बारिश होने की संभावना है।" इसके चलते अधिकारियों ने भूस्खलन और अचानक बाढ़ के खतरों से सतर्क रहने की सलाह दी है।
आईएमडी के मुताबिक, लक्षद्वीप में भी 11 और 12 अक्टूबर को बारिश और तेज हवाओं से मौसम खराब रहने वाला है। वहां गरज-चमक के साथ तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है। मौसम विभाग ने लक्षद्वीप और केरल और कर्नाटक के समुद्री तटों पर मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है। इसका कारण यह है कि समुद्र की स्थिति इस समय बहुत अस्थिर है और हवाएं 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती हैं। मछुआरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है ताकि कोई दुर्घटना न हो।
इस महीने के अंत तक पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत होने की संभावना है। यह मानसून आमतौर पर अक्टूबर के मध्य में आता है और भारी बारिश लेकर आता है। हालाँकि, इस बार मानसून कुछ देर से शुरू हो सकता है, लेकिन इसके आने से राज्य में बारिश और भी तेज हो जाएगी। कई इलाकों में जलभराव, सड़कें बंद होना और पेड़ गिरना जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। इसके अलावा, बिजली गुल होने और कमजोर मकानों को नुकसान पहुंचने का भी खतरा है।