क्या अखिलेश के राज में आजम खान के चाबुक से चलती थी सत्ता की लगाम?: केशव प्रसाद मौर्या

सारांश
Key Takeaways
- केशव प्रसाद मौर्या का बयान सपा की अंदरूनी राजनीति को उजागर करता है।
- आजम खान के जेल में होने से सपा की छवि प्रभावित हुई है।
- राजनीतिक विवादों में सच्चाई को समझना महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने जेल में बंद आजम खान को लेकर समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के शासन में सत्ता की वास्तविक शक्ति आजम खान के चाबुक से चलती थी।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''बात ज्यादा पुरानी नहीं है जब सपा बहादुर अखिलेश यादव के शासन में सत्ता की असली ताक़त आजम खान के चाबुक से चलती थी। यह पूरा प्रदेश जानता था, सपा के वही भाईजान अब अपनी पार्टी के लिए ना तो घर के हैं और ना ही घाट के।''
केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि सपा के गलियारों में यह चर्चा भी आम है कि अपने बहादुर का नाम सुनकर उन्हें 'मितली' आने लगती है। इसके पहले केशव ने अपने एक एक्स पोस्ट में कहा कि हिंदुओं की आस्था को व्यापार बताने का 'दुस्साहस' करने वाले सपा बहादुर अखिलेश यादव ने सही मायने में मुस्लिम, मस्जिद और मदरसों को अपने 'वोट का बाज़ार' बना रखा है। सपाईयों को अपने बहादुर से समाजवादी पार्टी का नाम बदलकर 'मदरसावादी पार्टी' रखने की मांग करनी चाहिए।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान इन दिनों जेल में बंद हैं। उनके ऊपर कई मामले दर्ज हैं। बीते दिनों उनकी पत्नी उनसे मिलने जेल पहुंची थी। तंजीन ने कहा, अब हमें सपा से कोई उम्मीद नहीं है। सिर्फ अल्लाह पर भरोसा है। आजम खान की पत्नी तंजीन फ़ातिमा के आरोपों पर अखिलेश यादव ने सफाई दी।
उन्होंने कहा था कि हमने आजम खान की हर संभव मदद करने की कोशिश की। अब उनकी मदद अल्लाह, ईश्वर और अदालत ही कर सकते हैं। यही सच है। मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन अपनी अलग राय व्यक्त कर चुके हैं। फिलहाल सपा इस मुद्दे पर खामोश है।