क्या हुमायूं कबीर विभाजनकारी बयानों के लिए जाने जाते हैं? : केसी त्यागी
सारांश
Key Takeaways
- हुमायूं कबीर की नई पार्टी पर विवाद चल रहा है।
- केसी त्यागी ने कबीर को विभाजनकारी बताया है।
- राजनीतिक बयानबाजी समाज में तनाव बढ़ा सकती है।
- धार्मिक संस्थानों को व्यवस्थित करने का जदयू का समर्थन।
- जातिगत भेदभाव को खत्म करने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा नई पार्टी की घोषणा पर तीखा जवाब दिया।
केसी त्यागी ने कहा कि हुमायूं कबीर अपनी अराजकता और विभाजनकारी बयानों की राजनीति के लिए प्रसिद्ध हैं।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा कि हुमायूं कबीर के बयानों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वह समाज में तनाव पैदा करने के लिए जाने जाते हैं।
केसी त्यागी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हुमायूं कबीर अपनी नई पार्टी के ऐलान को लेकर चर्चा में हैं। हुमायूं कबीर ने कहा कि मानवता के लिए काम करना उनका मकसद है और वे चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ेंगे।
टीएमसी नेता जाकिर हुसैन की ओर से बंगाल में मंदिर-मस्जिद बनाने के दावे पर केसी त्यागी ने उन्हें निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में पहले भी एक मस्जिद बनाई गई थी, जिसका परिणाम पूरे देश ने भोगा है। मैं उनके सभी प्रयासों की निंदा करता हूं।
उत्तर प्रदेश के श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट विधेयक पर त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी धार्मिक संस्थानों को व्यवस्थित करने के प्रयासों का जदयू पूरा समर्थन करता है।
उत्तराखंड स्कूलों में गीता पाठ पर जदयू नेता ने कहा कि संविधान ने सभी को अपने धर्म का पालन करने की इजाजत दी है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर त्यागी ने कहा कि समाज में जाति के आधार पर भेदभाव और बंटवारा बहुत लंबे समय से चला आ रहा है, इसे खत्म करना चाहिए।
संघ को भाजपा के चश्मे से देखने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह संघ और भाजपा के अपने-अपने मूल्यांकन पर दिए गए वक्तव्य हैं, इस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं।