क्या कैबिनेट ने खाद्य तेल क्षेत्र में पारदर्शिता और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सशक्त करने के लिए बड़ा कदम उठाया?

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क्या कैबिनेट ने खाद्य तेल क्षेत्र में पारदर्शिता और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सशक्त करने के लिए बड़ा कदम उठाया?

सारांश

भारत सरकार ने खाद्य तेल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार की घोषणा की है। नए आदेश के तहत, सभी उत्पादकों को पंजीकरण कराना होगा, जिससे पारदर्शिता और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। जानिए इस पहल की पूरी जानकारी और इससे उद्योग पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • वीओपीपीए 2025 का आदेश खाद्य तेल उद्योग में पारदर्शिता लाएगा।
  • सभी उत्पादकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • मासिक रिटर्न की प्रक्रिया को समझाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
  • सरकार की पहल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
  • पंजीकरण न कराने पर जुर्माना हो सकता है।

नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने संशोधित वनस्पति तेल उत्पाद उत्पादन एवं उपलब्धता (विनियमन) आदेश, 2025 (वीओपीपीए) को अधिसूचित किया है।

यह आदेश खाद्य तेल उद्योग में पारदर्शिता को बढ़ावा देने, आंकड़ा-आधारित निगरानी प्रणाली को सशक्त करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

संशोधित आदेश के अंतर्गत सभी वनस्पति तेल उत्पादक, जिनमें कच्चे और परिष्कृत तेल, विलायक-निष्कर्षित, मिश्रित तेल, वनस्पति, मार्जरीन आदि शामिल हैं, के लिए अब वीओपीपीए पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। उत्पादकों को उत्पादन, आयात, भंडार, बिक्री और खपत से संबंधित मासिक रिटर्न हर महीने की 15 तारीख तक जमा करने होंगे। यह पहल आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी, सटीक डेटा संग्रहण और नीति-निर्माण को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होगी।

वीओपीपीए 2025 के सफल कार्यान्वयन के लिए विभाग ने पूरे देश में क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की श्रृंखला शुरू करने का निर्णय लिया है। पहली कार्यशाला 15 नवंबर को इंदौर स्थित सोयाबीन ऑयल प्रोसेसर्स एसोसिएशन सभागार में आयोजित की जाएगी।

इस कार्यक्रम में उद्योग हितधारकों को वीओपीपीए पंजीकरण, मासिक रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया और राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के उपयोग पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

इंदौर के बाद ऐसी कार्यशालाएं अन्य राज्यों में भी आयोजित की जाएंगी ताकि व्यापक उद्योग भागीदारी और अनुपालन सुनिश्चित हो सके। साथ ही, विभाग स्थानीय खाद्य तेल इकाइयों के साथ संवाद और निरीक्षण के माध्यम से पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाएगा।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि वीओपीपीए पंजीकरण और मासिक रिटर्न दाखिल करना सभी उत्पादकों और पैकर्स के लिए अनिवार्य है। ऐसा न करने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और सांख्यिकी संग्रहण अधिनियम, 2008 के तहत जुर्माना और अन्य वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।

विभाग ने कहा कि वीओपीपीए 2025 आदेश पारदर्शिता, जवाबदेही और डेटा-संचालित शासन की दिशा में एक सामूहिक प्रयास है, जो भारत को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और खाद्य तेल क्षेत्र में अधिक सुव्यवस्थित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Point of View

यह कहना उचित है कि वीओपीपीए 2025 का आदेश भारत के खाद्य तेल क्षेत्र में एक जरूरी कदम है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। सरकार की इस पहल से भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

वीओपीपीए क्या है?
वीओपीपीए का अर्थ है वनस्पति तेल उत्पाद उत्पादन एवं उपलब्धता (विनियमन) आदेश, 2025। यह खाद्य तेल उद्योग में पारदर्शिता लाने के लिए बनाया गया है।
इस आदेश का क्या महत्व है?
इस आदेश का महत्व खाद्य तेल उद्योग में डेटा संग्रहण और निगरानी को सशक्त करना है, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
क्या सभी उत्पादकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है?
हाँ, सभी वनस्पति तेल उत्पादकों और पैकर्स के लिए वीओपीपीए पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
क्या पंजीकरण न कराने पर सजा हो सकती है?
जी हाँ, पंजीकरण न कराने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और सांख्यिकी संग्रहण अधिनियम, 2008 के तहत जुर्माना और अन्य वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।
कार्यशालाएं कब आयोजित की जाएंगी?
पहली कार्यशाला 15 नवंबर को इंदौर में होगी, इसके बाद अन्य राज्यों में भी कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
Nation Press