क्या खरमास में पंचक काल से सावधान रहें? भूल कर भी पांच दिन न करें ये काम
सारांश
Key Takeaways
- खरमास के दौरान पंचक काल से बचें।
- इस समय बिस्तर या चारपाई न बनवाएं।
- दक्षिण दिशा की यात्रा से बचें।
- नए सामान का संग्रह न करें।
- मांगलिक कार्य इस समय न करें।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही पंचक काल भी आने वाला है। पंचक को ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक अशुभ समय माना गया है। इस अवधि में कई महत्वपूर्ण कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा करने से परिवार में कलह, आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पंचांग के अनुसार, दिसंबर 2025 में पंचक 24 दिसंबर से 29 दिसंबर तक रहेगा, और 24 दिसंबर को बुधवार होने के कारण इसे राज पंचक कहा जाएगा। इस पांच दिन की अवधि में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
सबसे पहले, इस समय बिस्तर या चारपाई बनवाने से बचें। शास्त्रों के अनुसार, इस दौरान शय्या का निर्माण अशुभ माना जाता है, जिससे घर में कलह और तनाव बढ़ सकता है।
दूसरी सलाह, पंचक काल में लकड़ी, घास, या अन्य ज्वलनशील सामग्री का संग्रह न करें। ऐसा करने से भविष्य के कार्यों में बाधा आ सकती है और आर्थिक नुकसान की संभावनाएँ रहती हैं। इसलिए, जरूरी काम पहले ही खत्म कर लें और इस दौरान नए सामान का संग्रह करने से बचें।
तीसरी सलाह, इस समय दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी वर्जित है। दक्षिण दिशा यम और पितरों से जुड़ी होती है और पंचक के समय वहां की यात्रा से बाधाएं और परेशानियां आ सकती हैं।
चौथी सलाह, घर की छत बनवाने का काम भी इस समय न करें। पंचक में ऐसा करने से पारिवारिक कलह और आर्थिक नुकसान की आशंका बढ़ जाती है। अगर निर्माण कार्य जरूरी हो, तो किसी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेना लाभकारी रहेगा।
पांचवीं और अंतिम सलाह, पंचक में किसी भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्य करने से बचें। इस समय शुभ कार्य करने से उनका फल अधूरा रह सकता है और घर-परिवार में समस्याएं बढ़ सकती हैं।
पंचक के इन पांच दिनों में सावधानी रखना बेहद जरूरी है। यह थोड़ा सतर्क रहने का समय है ताकि आने वाले दिन सुरक्षित और शांतिपूर्ण रहें। पंचक का ध्यान रखकर आप अपने परिवार और घर को परेशानियों से बचा सकते हैं।