क्या खोपोली हत्याकांड पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सख्त कदम उठाए?

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क्या खोपोली हत्याकांड पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सख्त कदम उठाए?

सारांश

खोपोली में मंगेश कालोखे की हत्या ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा की और त्वरित न्याय का आश्वासन दिया। क्या यह हत्या राजनीतिक रंजिश का परिणाम है? जानिए पूरी कहानी इस लेख में।

Key Takeaways

  • खोपोली में मंगेश कालोखे की हत्या की कड़ी निंदा की गई।
  • उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने त्वरित न्याय का आश्वासन दिया।
  • मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।
  • विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की जाएगी।
  • आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम लगाया जाएगा।

मुंबई, २७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने खोपोली में सामाजिक कार्यकर्ता मंगेश कालोखे (४५) की दिनदहाड़े हुई नृशंस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे मानवता पर धब्बा बताया है।

शनिवार को खोपोली पहुंचे शिंदे ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें त्वरित और सबसे सख्त न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।

मंगेश कालोखे, पूर्व नगरसेवक थे और हाल ही में वार्ड नंबर-३ से चुनी गई शिवसेना पार्षद मानसी कालोखे के पति थे। शुक्रवार को वे अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रहे थे, तभी हमलावरों ने उन पर बेरहमी से हमला कर उनकी हत्या कर दी।

इस घटना से इलाके में भारी राजनीतिक तनाव फैल गया है। आरोप है कि हालिया स्थानीय निकाय चुनावों के बाद यह हत्या राजनीतिक रंजिश का नतीजा है।

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि यह हत्या पूरी तरह से पूर्व नियोजित साजिश लगती है। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने मंगेश कालोखे की गतिविधियों पर नजर रखी और बेहद सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया। जनता में गुस्से और परिवार के दुख को देखते हुए शिंदे ने घोषणा की कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि मामले में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की जाएगी और सभी आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम लगाया जाएगा ताकि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा, यहां तक कि फांसी तक दिलाई जा सके।

शिंदे ने बदले की राजनीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसी विकृत सोच के लिए कोई जगह नहीं है। चुनाव में जीत-हार सामान्य है, लेकिन निजी रंजिश में किसी की जान लेना समाज के लिए बेहद खतरनाक है।

उपमुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि पुलिस इस जघन्य अपराध में शामिल हर व्यक्ति की पहचान कर उसे गिरफ्तार करेगी। उन्होंने दो टूक कहा कि कोई भी नहीं बख्शा जाएगा और महायुति सरकार दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

इससे पहले, खोपोली में पूर्ण बंद रहा। शिवसेना कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन कर न्याय की मांग की। पीड़ित परिवार ने खोपोली के सीनियर इंस्पेक्टर सचिन हिरे को निलंबित करने की मांग की है। आरोप है कि उन्होंने पहले मिली जान से मारने की धमकियों को गंभीरता से नहीं लिया। इन धमकियों के पीछे एनसीपी कार्यकर्ताओं का नाम लिया गया है।

शिवसेना मंत्री भरत गोगावले और सांसद श्रीरंग बारणे ने पुलिस अधीक्षक आंचल दलाल से मुलाकात कर तेज जांच की मांग की। २१ दिसंबर को हुए नगर परिषद चुनाव में मानसी कालोखे ने अजित पवार गुट की एनसीपी उम्मीदवार उर्मिला देवकर को ७०० से अधिक वोटों से हराया था। मंगेश कालोखे, शिवसेना विधायक महेंद्र थोरवे के करीबी समर्थक थे। एफआईआर में एनसीपी सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के समर्थकों के नाम भी शामिल बताए गए हैं। रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में १० लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

Point of View

NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

खोपोली हत्याकांड में किसका नाम शामिल है?
खोपोली हत्याकांड में सामाजिक कार्यकर्ता मंगेश कालोखे का नाम शामिल है, जिनकी हत्या कर दी गई थी।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कदम उठाए हैं?
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने और विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति का आश्वासन दिया है।
क्या यह हत्या राजनीतिक रंजिश का नतीजा है?
हां, इस हत्या को हालिया स्थानीय निकाय चुनावों के बाद की राजनीतिक रंजिश का नतीजा माना जा रहा है।
क्या पीड़ित परिवार ने कोई मांग की है?
पीड़ित परिवार ने खोपोली के वरिष्ठ इंस्पेक्टर सचिन हिरे को निलंबित करने की मांग की है।
इस मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में १० लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने का वादा किया है।
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