क्या किसान केसरी रामेश्वर डूडी पंचतत्व में विलीन हो गए?

सारांश
Key Takeaways
- रामेश्वर डूडी का निधन जिले में शोक का माहौल बना गया।
- उनका अंतिम संस्कार उदयरामसर में किया गया।
- राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
- डूडी किसानों के हक के लिए एक सशक्त आवाज थे।
- उन्होंने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की थी।
बीकानेर, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान कांग्रेस के प्रभावशाली नेता किसान केसरी रामेश्वर डूडी का निधन शुक्रवार रात एक बजे हुआ। उनका अंतिम संस्कार उदयरामसर से दो किलोमीटर दूर स्थित उनके फार्म हाउस में बड़े सम्मान के साथ किया गया, जहाँ उनके पुत्र अतुल डूडी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
सूत्रों के अनुसार, डूडी लंबे समय से बीमार थे और लगभग 25 महीनों से कोमा में थे। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, जिले में शोक की लहर दौड़ गई। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, और अन्य नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
उनके निवास पर अंतिम दर्शन के लिए शव रखा गया, जहाँ समर्थकों ने पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। उनकी अंतिम यात्रा बीकानेर स्थित वैद्य मघाराम कॉलोनी से शुरू हुई। इस अवसर पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया।
इस मौके पर कई प्रमुख नेताओं ने भी भाग लिया, जिनमें मंत्री सुमित गोदारा, किसान आयोग के अध्यक्ष सी आर चौधरी, और अन्य शामिल थे। हजारों लोगों ने अपनी आँखों में आँसू लिए जननेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
किसान केसरी रामेश्वर डूडी को उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में किसानों की आवाज़ के रूप में जाना जाता था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एनएसयूआई से की और 1995 में नोखा के प्रधान बने।