क्या कीव ने एससीओ समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होने पर नाराजगी जताई?

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क्या कीव ने एससीओ समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होने पर नाराजगी जताई?

सारांश

कीव ने तियानजिन में एससीओ समिट के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होने पर नाराजगी व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने इसे नकारात्मक संकेत बताया है। क्या यह रूस की कूटनीतिक चूक है? जानिए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • एससीओ समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होना महत्वपूर्ण है।
  • यूक्रेन ने इसे मास्को की कूटनीतिक असफलता माना है।
  • अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
  • बीजिंग से सक्रिय भूमिका की अपील की गई है।
  • यह स्थिति यूरोप की सुरक्षा पर असर डाल सकती है।

कीव, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस सम्मेलन के मुख्य दस्तावेज, 20 पृष्ठों के तियानजिन घोषणा पत्र में रूस के यूक्रेन पर चल रहे युद्ध का कोई उल्लेख न होना अत्यधिक आश्चर्यजनक और नकारात्मक संकेत दर्शाता है।

यूक्रेन ने स्पष्ट किया कि यह यूरोप में हुई सबसे बड़ी आक्रामकता है, जिसे विश्व युद्ध 2 के बाद सबसे गंभीर माना जाता है, और इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज में इसका उल्लेख न होना काफी हैरान करने वाला है। जबकि घोषणा पत्र में कई अन्य युद्धों, आतंकवादी हमलों और विश्व की घटनाओं का जिक्र है, रूस-यूक्रेन युद्ध की चुप्पी एक बड़ी चूक के रूप में देखी जा रही है।

यूक्रेन का कहना है कि बिना रूस की आक्रामकता का न्यायसंगत समापन किए, हम वैश्विक विकास, अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के पालन की बात नहीं कर सकते।

यूक्रेन ने जोर देकर कहा है कि एससीओ समिट के बयान में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होना, मास्को के कूटनीतिक प्रयासों की असफलता का संकेत है। रूस ने यह कोशिश की थी कि विश्व को इस युद्ध को लेकर दो हिस्सों में बांट दे, लेकिन इस बार उसकी यह योजना सफल नहीं हो पाई।

यूक्रेन का मानना है कि मास्को अपनी सभी कोशिशों के बावजूद एससीओ के सदस्य देशों की राय को अपने पक्ष में लाने में असफल रहा है।

यूक्रेन ने सभी शांतिप्रिय देशों से अपील की है कि वे रूस की आक्रामकता का आकलन करते समय अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के नियमों का पालन करें।

यूक्रेन ने चीन की महत्वपूर्ण भूराजनीतिक भूमिका को ध्यान में रखते हुए बीजिंग से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभाए। यह शांति तभी संभव होगी जब सभी पक्ष संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि यूक्रेन की चिंताएँ गंभीर हैं। एससीओ समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होना वैश्विक शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। यूक्रेन की स्थिति को समझना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन सुनिश्चित करना आवश्यक है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

यूक्रेन ने एससीओ समिट पर क्या प्रतिक्रिया दी?
यूक्रेन ने कहा कि एससीओ समिट के मुख्य दस्तावेज में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होना एक नकारात्मक संकेत है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को कैसे देखा जा रहा है?
इसे यूरोप में सबसे बड़ी आक्रामकता माना जा रहा है, जो विश्व युद्ध 2 के बाद की सबसे गंभीर स्थिति है।
यूक्रेन ने चीन से क्या अपील की?
यूक्रेन ने चीन से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन में शांति स्थापित करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाए।