क्या कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप हुआ? एनसीडब्ल्यू ने रिपोर्ट मांगी

सारांश
Key Takeaways
- एनसीडब्ल्यू ने कोलकाता में गैंगरेप की घटना का संज्ञान लिया है।
- पीड़िता को बीएनएस धारा 396 के तहत मुआवजा और सहायता दी जाएगी।
- तृणमूल कांग्रेस ने घटना की निंदा की है।
- महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है।
कोलकाता, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लॉ स्टूडेंट के साथ हुई गैंगरेप की घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने तुरंत संज्ञान लिया है। पीड़ित छात्रा ने लॉ कॉलेज परिसर में तीन युवकों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है, जिनमें से दो वर्तमान छात्र हैं। इस घटना के बाद आयोग ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर तीन दिन के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
एनसीडब्ल्यू ने एक नोटिस में कहा, "आयोग ने कोलकाता में घटित हुई इस चौंकाने वाली घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और भारतीय न्याय संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीड़िता को बीएनएस की धारा 396 के तहत मुआवजा, इलाज और कानूनी सहायता देने पर भी जोर दिया है। आयोग ने रिपोर्ट की मांग की है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "एक छात्रा के साथ कोलकाता के कॉलेज परिसर में गैंगरेप हुआ है। इसके अलावा, हम कल्याणी में गैंगरेप, एसिड अटैक और घरेलू हिंसा जैसे अन्य मामलों पर भी कार्य कर रहे हैं। राज्य में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, और प्रशासन इन मामलों को किस प्रकार संभाल रहा है?"
लॉ कॉलेज में गैंगरेप की इस घटना पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने निंदा की है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हम दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में हुई इस दुखद बलात्कार की घटना की निंदा करते हैं। कोलकाता पुलिस ने तीनों आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कानून के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।"
तृणमूल कांग्रेस ने आगे कहा, "यह त्रासदी एक बार फिर दर्शाती है कि देश में यौन अपराधों के खिलाफ एक कड़ा संदेश देने की आवश्यकता है। 'अपराजिता एंटी रेप बिल' को तुरंत लागू किया जाना चाहिए, जिसमें तेज जांच, त्वरित मुकदमे और सख्त सजाएं सुनिश्चित हों। दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने अब तक इसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।"
तृणमूल कांग्रेस ने पीड़िता को न्याय का आश्वासन देते हुए कहा, "पीड़िता के द्वारा सहन किए गए गहरे आघात के लिए हमारा दिल दुख से भारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य प्रशासन इस कठिन समय में पीड़िता को हरसंभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। न्याय मिलेगा।"