क्या कोपिनेश्वर मंदिर ठाणे में भगवान शिव लाएंगे प्रलय? जानें इस रहस्य के बारे में

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क्या कोपिनेश्वर मंदिर ठाणे में भगवान शिव लाएंगे प्रलय? जानें इस रहस्य के बारे में

सारांश

कोपिनेश्वर मंदिर एक अद्भुत स्थल है, जहाँ शिवलिंग की ऊँचाई प्रलय का संकेत देती है। जानिए इस मंदिर के रहस्यों के बारे में और कैसे यह ठाणे की रक्षा करता है।

Key Takeaways

  • कोपिनेश्वर मंदिर ठाणे का मुख्य धार्मिक स्थल है।
  • शिवलिंग की ऊँचाई प्रलय का संकेत देती है।
  • मंदिर का निर्माण सिलहारा वंश के शासकों ने कराया था।
  • महाशिवरात्रि और सावन में यहाँ विशेष पूजा होती है।
  • मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय और भव्य है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विभिन्न हिस्सों में भगवान शिव कई रूपों में भक्तों की सेवा में हैं और हर रूप से वे भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं। महाराष्ट्र के ठाणे में स्थित एक अद्भुत मंदिर है, जो भविष्य में प्रलय का संकेत दे सकता है। यह माना जाता है कि ठाणे में स्थित शिवलिंग आने वाले प्रलय का पूर्वाभास करता है।

कोपिनेश्वर मंदिर, जो मुंबई के ठाणे की संकरी स्टेशन रोड के निकट है, को ठाणे का रक्षक माना जाता है। यह मान्यता है कि यह शिवलिंग संपूर्ण ठाणे को विभिन्न घटनाओं और बीमारियों से बचाता है। मंदिर के द्वार पर नंदी विराजमान हैं। मुख्य मंदिर में एक विशाल शिवलिंग है, जिसका व्यास और ऊंचाई लगभग पांच फीट है।

कहा जाता है कि यह शिवलिंग हर वर्ष ऊँचाई में बढ़ता है, और जब यह मंदिर की छत को छू लेगा, तब प्रलय आ जाएगी। महाराष्ट्र के सभी शिव मंदिरों में, कोपिनेश्वर महादेव सबसे बड़ा और प्रभावशाली है।

इस मंदिर का निर्माण 810-1240 ईस्वी के बीच सिलहारा वंश के शासकों द्वारा किया गया था। कहा जाता है कि इन शासकों में भगवान शिव के प्रति गहरी भक्ति थी, और उन्होंने अपनी भक्ति को शाश्वत बनाने के लिए यह मंदिर बनवाया।

17वीं शताब्दी में, मराठा पेशवाओं के अधीन एक प्रमुख सैन्य अधिकारी सूबेदार रामजी महादेव बिवलकर ने मंदिर के निर्माण को आगे बढ़ाया। उस काल में, युद्ध के समय सैन्य अधिकारी भगवान शिव का आशीर्वाद लेते थे।

मंदिर की वास्तुकला भी अद्वितीय है। इसे काले पत्थर से बनाया गया है, जिसमें देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमाएं अंकित हैं। काले पत्थर की नक्काशी चमकदार और साफ दिखाई देती है। मंदिर में हेमाडपंथी शैली की झलक भी देखने को मिलती है। परिसर में भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं, जो इसे एक जीवंत आध्यात्मिक केंद्र बनाते हैं।

महाशिवरात्रि और सावन के महीने में, इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो अपने कष्टों के निवारण के लिए इस विशाल शिवलिंग के दर्शन के लिए आते हैं। सावन के महीने में मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान भी होते हैं।

Point of View

NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

कोपिनेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है?
कोपिनेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के ठाणे में स्थित है।
क्या शिवलिंग की ऊँचाई बढ़ती है?
हाँ, कहा जाता है कि शिवलिंग हर साल ऊँचाई में बढ़ता है।
मंदिर का निर्माण कब हुआ था?
मंदिर का निर्माण 810-1240 ईस्वी के बीच सिलहारा वंश के शासकों द्वारा किया गया था।
महाशिवरात्रि पर मंदिर में क्या विशेष होता है?
महाशिवरात्रि पर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और विशेष पूजा-अनुष्ठान होते हैं।
कोपिनेश्वर मंदिर का महत्व क्या है?
यह मंदिर ठाणे का रक्षक माना जाता है और शिवलिंग संपूर्ण ठाणे को कष्टों से बचाता है।
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