क्या छत्तीसगढ के कोरबा में 26 लाभार्थियों को आवास योजना का प्रमाण पत्र मिला?

सारांश
Key Takeaways
- मोर आवास योजना के तहत 26 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र मिला।
- पीएम मोदी का सपना है कि हर किसी का अपना घर हो।
- इस योजना ने गरीबों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।
- लाभार्थियों को तीन लाख पचास हजार रुपए का खर्च करना है मकान बनाने में।
- इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिला है।
कोरबा, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ के कोरबा जिले के बांकी मोंगरा नगर पालिका परिषद ने मोर आवास योजना के तहत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। बांकी मोंगरा नगर पालिका में कुल 53 आवेदन स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 26 लाभार्थियों को स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
बांकी मोंगरा नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सोनी कुमारी झा ने कहा कि आज मोर आवास के अंतर्गत 26 लाभार्थियों को आवास मिल रहा है, जिसमें दो लाख पचास हजार रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना से मिल रहे हैं। इसके साथ ही, एक लाख रुपए की राशि अपने हिस्से से लगाकर घर का निर्माण करना है। कुल मिलाकर मकान बनाने में तीन लाख पचास हजार रुपए का खर्च आएगा। पीएम मोदी का सपना है कि हर किसी का अपना घर हो, ताकि गरीब लोग भी पक्के मकान में रह सकें।
लाभार्थी वेदराम कश्यप ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था और इस योजना का लाभ प्राप्त किया है। पीएम मोदी की मदद से वे अब पक्के मकान में रह रहे हैं, इसके लिए वे आभार व्यक्त करते हैं।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि आज हमें आवास योजना का प्रमाण पत्र मिला है। बारिश के मौसम में घरों से पानी टपकता था, जिससे कई समस्याएं आती थीं। इस योजना के द्वारा हमारे जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है। हम पीएम मोदी के आभारी हैं।
एक महिला लाभार्थी ने कहा कि आज हमें आवास योजना का प्रमाण पत्र मिला है। पीएम मोदी ने हम जैसे गरीब लोगों की सहायता की है, जिससे हमारा पक्के मकान में रहने का सपना पूरा हुआ है। इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य सभी को आवास उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ में इस योजना ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। लाभार्थियों का मानना है कि यह योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है।