क्या कोटा में 'नमो टॉय बैंक' की स्थापना से बच्चों के चेहरों पर मुस्कान आएगी?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चों के लिए खिलौने महत्वपूर्ण हैं।
- जरूरतमंद बच्चों की मदद करना आवश्यक है।
- स्कूली बच्चे इस पहल का संचालन करेंगे।
- सहयोग और दान की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
- सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास होगा।
कोटा, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की नई पहल के अंतर्गत राजस्थान के कोटा में 'नमो टॉय बैंक' की स्थापना की जाएगी। इस अनोखी पहल का उद्देश्य जरूरतमंद बच्चों तक खिलौने पहुंचाना है। विशेष बात यह है कि इसका संचालन स्कूली बच्चे करेंगे।
इस टॉय बैंक का मुख्य लक्ष्य उन बच्चों को खिलौने उपलब्ध कराना है जो आर्थिक कठिनाइयों के कारण खेल के साधनों से वंचित हैं। इसे स्कूली बच्चे ही संचालित करेंगे, जिससे उनकी सहयोग और दान की भावना विकसित होगी।
इस पहल के माध्यम से बच्चे अपने पुराने और अनुपयोगी खिलौनों को इकट्ठा करके वंचित बच्चों तक पहुंचाएंगे, ताकि उनके चेहरों पर भी मुस्कान लाई जा सके।
ओम बिरला ने इस अवसर पर कहा कि बचपन में खिलौने बच्चों के लिए खेल और मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन होते हैं। जब बच्चे बड़े होते हैं, तो ये खिलौने अनुपयोगी हो जाते हैं। ऐसे में इन्हें उन बच्चों तक पहुंचाना चाहिए जो इनसे वंचित हैं।
'नमो टॉय बैंक' एक सामूहिक प्रयास है। उन्होंने बताया कि बच्चे ही इस टॉय बैंक का संचालन करेंगे, जिससे उनमें दूसरों की मदद करने की भावना विकसित होगी। यह पहल बच्चों में संस्कारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज में एकजुटता और भाईचारे की भावना को भी मजबूत करेगी।
इस पहल के तहत स्कूली बच्चे अपने पुराने खिलौने, खेल का सामान और अन्य उपकरण टॉय बैंक में जमा करेंगे, जिन्हें बाद में जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाएगा। यह प्रक्रिया बच्चों में जिम्मेदारी और दूसरों के प्रति संवेदनशीलता का भाव विकसित करेगी।
ओम बिरला ने जोर देकर कहा कि इस तरह की पहल से बच्चों में दूसरों के अभाव को दूर करने और सहयोग करने की भावना विकसित होगी, जो हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 'नमो टॉय बैंक' का लक्ष्य है कि हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाई जाए। यह पहल उन बच्चों के लिए खुशी लाएगी, जिन्हें संसाधनों की कमी के कारण खेलने का अवसर नहीं मिलता।