क्या केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को याद किया और किसानों को सम्मानित किया?

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क्या केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को याद किया और किसानों को सम्मानित किया?

सारांश

किसान ट्रस्ट द्वारा आयोजित 'चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2025' समारोह में शिवराज चौहान ने किसानों को सशक्त बनाने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम चौधरी चरण सिंह की स्मृति में आयोजित किया गया, जिसमें कृषि, सेवा, पत्रकारिता और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। जानें इस समारोह की खास बातें!

Key Takeaways

  • किसान ट्रस्ट ने चौधरी चरण सिंह की स्मृति में पुरस्कारों का आयोजन किया।
  • शिवराज चौहान ने किसानों की सशक्तीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
  • नए कृषि उद्यमी पुरस्कार की श्रेणी जोड़ी गई।
  • समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।
  • किसानों के कल्याण के लिए सरकार की योजनाओं पर चर्चा हुई।

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। किसान ट्रस्ट द्वारा आयोजित 'चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2025' (द्वितीय संस्करण) का आयोजन शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किया गया। यह कार्यक्रम देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की याद में आयोजित किया गया। इस समारोह में कृषि, सेवा, पत्रकारिता और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह ने की।

इस वर्ष के समारोह में एक नई श्रेणी 'कृषि उद्यमी पुरस्कार' को भी शामिल किया गया। इसके तहत कृषि क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता, व्यावसायिक सोच और टिकाऊ समाधान देने वाले एग्रीप्रेन्योर, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और संस्थाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह के साक्षात्कारों पर आधारित एक एआई जनरेटेड वीडियो भी प्रदर्शित किया गया।

स्वागत भाषण में डॉ. यशवीर सिंह ने कहा कि भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने किसानों को सशक्त किया, दलितों और पिछड़े वर्गों को जमीन का मालिक बनाया और उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिलाया। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब के जाने के बाद देश के किसानों को सबसे बड़ा नुकसान हुआ।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा, "अपने साथी जयंत चौधरी में मुझे वही सादगी दिखाई देती है, जो पूज्य चौधरी चरण सिंह की पहचान थी। आज चौधरी साहब के नाम से आयोजित इस समारोह में हम सब विनम्रता के साथ उनके चरणों में नमन करते हैं। गांव, गरीब और किसान के लिए चौधरी साहब आशा का प्रतीक थे और उन्होंने उनके उत्थान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी।"

चौधरी चरण सिंह के साहस और दूरदर्शिता को याद करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "जब बहुत कम लोग पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ बोलने का साहस करते थे, तब चौधरी साहब ने सहकारी खेती की विदेशी अवधारणा का डटकर विरोध किया। जमींदारी प्रथा खत्म कर किसानों को जमीन का मालिक बनाया और किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं किया। एक फैसले में लेखपाल का पद बनाकर उन्होंने किसानों को ताकत दी।"

उन्होंने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की सोच के बीज भी चौधरी चरण सिंह ने ही बोए थे। उन्हीं की प्रेरणा से 'वीबीजी-जी राम जी' योजना के तहत रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। किसानों की बात सुनते हुए खेती के मौसम में इस योजना को रोकने का फैसला भी लिया गया ताकि मजदूरों और किसानों दोनों का हित सुरक्षित रहे। उन्होंने दोहराया कि किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

विशिष्ट अतिथि जयंत चौधरी ने जूरी सदस्यों का आभार जताया और सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'अक्सर किसान जब दिल्ली आते हैं, तो सत्ता को हिलाने आते हैं, लेकिन आज किसान दिल्ली पुरस्कार लेने आए हैं, यह अपने आप में खास है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों सम्मान मिलना सभी पुरस्कार विजेताओं के लिए गर्व का क्षण है।'

जयंत चौधरी ने कृषि वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि चौधरी साहब की 'फूड फॉर वर्क' योजना आगे चलकर मनरेगा बनी और आज किसानों की आकांक्षाओं के अनुरूप वही योजना 'वीबी जी राम जी' के रूप में सामने है। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं से अपील की कि वे संतुष्ट होकर रुकें नहीं, बल्कि किसानों के कल्याण के लिए दोगुनी ऊर्जा से काम करें।

समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने वालों ने चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि दी और किसान ट्रस्ट तथा अतिथियों का आभार व्यक्त किया। किसान पुरस्कार विजेता सत्यवान सहरावत ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के रास्ते पर चलकर किसानों को सशक्त बनाना ही विकसित भारत 2047 का सपना पूरा कर सकता है।

कृषि उन्नयन पुरस्कार पाने वाले डॉ. देवेंद्र यादव ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया। कृषि उद्यमी पुरस्कार प्राप्त करने वाले फ्रूवेटेक की ओर से डॉ. जगदीश गुप्ता ने कहा कि संस्था चौधरी चरण सिंह के सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

Point of View

जो चौधरी चरण सिंह की सोच को आगे बढ़ाता है। वर्तमान सरकार द्वारा किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना, उनकी समस्याओं को सुनना और समाधान प्रदान करना आवश्यक है। इससे न केवल कृषि क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि समाज के अन्य वर्गों के लिए भी लाभकारी होगा।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

चौधरी चरण सिंह पुरस्कार का आयोजन कब किया गया?
यह पुरस्कार 21 दिसंबर 2023 को आयोजित किया गया।
इस समारोह में किसने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
किस क्षेत्र में पुरस्कार दिए गए?
पुरस्कार कृषि, सेवा, पत्रकारिता और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में दिए गए।
इस वर्ष नए पुरस्कार की श्रेणी क्या थी?
'कृषि उद्यमी पुरस्कार' की नई श्रेणी इस वर्ष जोड़ी गई थी।
समारोह में किसने चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि दी?
समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विजेताओं ने चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि दी।
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