क्या कुलदीप सेंगर की जमानत के खिलाफ महिलाओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया?
सारांश
Key Takeaways
- कुलदीप सेंगर की जमानत पर आक्रोशित महिलाएं दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हैं।
- कानूनी दांव-पेच का उपयोग करके प्रभावशाली लोग बच रहे हैं।
- महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा की आवश्यकता है।
- पीड़िता की मां को सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।
- सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्नाव रेप मामले में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने के बाद से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पीड़िता के समर्थन में शुक्रवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और नारे लगाए।
एक महिला ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि इस सरकार में सबसे डरावनी बात यह है कि ताकतवर और प्रभावशाली लोग कानूनी दांव-पेच का सहारा लेकर गंभीर अपराधों से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद को महिलाओं से जुड़े कानूनों पर चर्चा करनी चाहिए और उन्हें संशोधित करना चाहिए।
महिला ने कहा, "हम अक्सर नेताओं को महिलाओं के खिलाफ जुर्म करते हुए देखते हैं, लेकिन वे आजाद घूम रहे हैं, जबकि पीड़िता इंसाफ के लिए भटक रही हैं। कुलदीप सेंगर को सजा के बाद उन्नाव की रेप पीड़िता को इंसाफ मिला था, लेकिन जब दोषी को उम्रकैद की सजा से छूट मिली तो यह पीड़िता के साथ अन्याय था।"
कांग्रेस पार्टी की नेता कुमारी सोनी ने कहा, "मैं एक महिला और इस देश की बेटी हूं। मैं पीड़िता के दर्द को अच्छी तरह समझती हूं। पीड़िता के साथ जो न्याय होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है, बल्कि उसके साथ अन्याय हो रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "देश के नेता कहते हैं 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,' लेकिन इससे बड़ा घोर अपराध क्या हो सकता है कि एक रेप पीड़िता आज दर्द भोग रही है? रेप के दोषी को सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन इस सरकार में पीड़िता को ही सजा मिल रही है।"
वहीं, पीड़िता की मां अभी भी हाईकोर्ट पर भरोसा कर रही हैं। उन्होंने कहा, "हम सेंगर की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी सहारा लेंगे। मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा और दोषी की जमानत खारिज होगी।"