क्या यह बेटियों का हौसला तोड़ने वाला फैसला है? कुलदीप सेंगर की जमानत पर नेहा सिंह राठौर का बयान
सारांश
Key Takeaways
- कुलदीप सेंगर को जमानत मिलना विवादास्पद है।
- नेहा सिंह राठौर ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- बेटियों के हौसले को तोड़ने वाले फैसले चिंताजनक हैं।
लखनऊ, २८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्नाव दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद एक बार फिर से जनता में आक्रोश का माहौल बन गया है। इस संदर्भ में, रविवार को सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने इस निर्णय को दुखद और चिंताजनक बताते हुए न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
नेहा सिंह राठौर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उन्नाव जैसे जघन्य अपराध में एक दोषी की सजा का निलंबन होना चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। यह बेहद हैरान करने वाला है कि एक सजायाफ्ता अपराधी की सजा को निलंबित किया जा सकता है। यह फैसला दुखद और चिंताजनक है। इस तरह की कार्रवाइयां देश की बेटियों का मनोबल तोड़ देती हैं।"
उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ओर भाजपा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है, लेकिन दूसरी ओर ऐसे फैसले बेटियों के हौसले को कुचल देते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेहा ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस फैसले पर क्या कहें। यह बहुत गलत है। यह नया भारत है, जहां बलात्कारियों को पैरोल पर छोड़ा जा सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "पूरा देश उन्नाव की 'निर्भया' की हालत देख रहा है और फिर भी व्यवस्था संवेदनहीन बनी हुई है।" नेहा ने देश की जनता, खासकर महिलाओं और बेटियों से आगे आकर आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, "मैं सभी बहनों और बेटियों से अपील करती हूं कि वे आगे आएं और अपनी आवाज उठाएं, जैसे निर्भया के समय पूरा देश सड़कों पर उतर आया था।"
नेहा ने स्वीकार किया कि डर