अल्पसंख्यकों पर हिंसा पर चुप्पी क्यों है? कुमार विश्वास ने उठाए लोगों के दोहरे रवैये पर सवाल
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
- भारत सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
- दोहरी नीति का पर्दाफाश
- मानवता की रक्षा का जिम्मा सभी का है
- भगवान राम का संदेश
रायपुर, २९ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कवि कुमार विश्वास ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह घटना अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ इस तरह की हिंसा पूरे मानव समाज के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर सख्ती और गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। संभव है कि सरकार पहले से ही इस विषय पर विचार कर रही हो, लेकिन ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ-साथ कठोरता भी आवश्यक है।
कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि दुनिया के कई लोग छोटी या बड़ी घटनाओं पर मानव हानि को लेकर बहुत हाय-तौबा मचाते हैं। भारत में भी एक ऐसा वर्ग है जो हर मुद्दे पर मुखर होकर अपनी चिंता व्यक्त करता है। लेकिन, जब बांग्लादेश में एक निर्दोष अल्पसंख्यक को जिंदा जलाया जाता है, तब वही लोग चुप हो जाते हैं। न बयान आते हैं, न चिंता दिखाई देती है। ऐसे में उनके दोहरे रवैये का पर्दाफाश होता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी युवा नेता की हत्या पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा हो सकती है, तो फिर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी क्यों?
उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की बात करने वाले लोग भूल जाते हैं कि मानवता की रक्षा केवल एक देश की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की जिम्मेदारी है। जब हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत, जो कभी बोरीशिल्लाह जैसे क्षेत्रों तक फैली थी, वहां तक हिंसा की आग पहुंच जाए, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। ऐसी आग को वहीं बुझाना चाहिए, आगे नहीं बढ़ाना चाहिए।
इसी क्रम में, अपने राम कथा को लेकर भी कुमार विश्वास ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान राम भारत के लोगों के दिलों और दिमागों में बसते हैं। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि पीढ़ियों से भारत इसे समझता आया है। राजनीति कभी-कभी इसे भूल जाती है, इसलिए समय-समय पर उसे याद दिलाना आवश्यक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि जाते हुए अंग्रेजी नववर्ष को यदि हम राम के विचारों के साथ विदाई दें, तो आने वाले वर्ष में भी वही विचार हमारे साथ रहेंगे।