क्या कुंवर विजय प्रताप सिंह का कहना है कि उन पर सिर्फ अमृतसर की जनता का एहसान है?

सारांश
Key Takeaways
- कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें जनता का समर्थन है, न कि किसी नेता का।
- सुखपाल सिंह खैरा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल तानाशाह बन गए हैं।
- भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद पार्टी में कुछ नेताओं की वापसी पर सवाल उठाए गए हैं।
अमृतसर, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने अमृतसर नॉर्थ के विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। उनके निलंबन के बाद, कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने अमृतसर में कुंवर विजय प्रताप सिंह से पहली बार मुलाकात की और पंजाब की भगवंत मान सरकार पर कड़ा प्रहार किया। इस मुलाकात ने पंजाब की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है।
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी खैरा से यह मुलाकात पूरी तरह निजी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें अब तक पार्टी से निष्कासन से संबंधित कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "मैं अमृतसर नॉर्थ की जनता द्वारा चुना गया हूं, और मुझे किसी नेता के नाम पर वोट नहीं मिले। मेरे ऊपर केवल जनता का एहसान है, किसी नेता का नहीं।"
इस बीच, कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने मीडिया से कहा कि जिस तरह से कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी से निकाला गया, यह दिखाता है कि आम आदमी पार्टी अब उन लोगों को बर्दाश्त नहीं कर सकती, जो सच बोलते हैं और पंजाब के मुद्दों पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल तानाशाह बन गए हैं और उनकी पार्टी लोकतंत्र से बहुत दूर जा चुकी है।
उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त पूर्व मंत्री विजय सिंगला का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में निकाला गया, लेकिन तीन साल में उनके खिलाफ कोई चालान पेश नहीं हुआ, और उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया। यह आम आदमी पार्टी की गिरती साख को दर्शाता है। खैरा ने कुलदीप सिंह धालीवाल पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वे मंत्री बनने के योग्य नहीं थे और उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।