क्या 50 साल बाद पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड की फिर से जांच हो सकती है?
                                सारांश
Key Takeaways
- ललित नारायण मिश्रा की हत्या का मामला ऐतिहासिक महत्व रखता है।
 - सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए गए हैं।
 - पुनः जांच की मांग ने न्याय के प्रति आशा जगाई है।
 - राजनीतिक साजिशों के संदर्भ में यह मामला महत्वपूर्ण है।
 - दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की तारीख निश्चित की गई है।
 
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा (एलएन मिश्रा) की हत्या के 50 साल बाद, भाजपा नेता और सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अश्विनी चौबे ने मामले में सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में पुनः जांच कराने की मांग की है।
अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि जिन व्यक्तियों को एलएन मिश्रा की हत्या का दोषी ठहराया गया, वे असली अपराधी नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने इस मामले की उचित जांच नहीं की और यह हत्या उस समय की एक बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य ललित नारायण मिश्रा जैसे प्रभावशाली नेता को रास्ते से हटाना था।
एलएन मिश्रा उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रेल मंत्री थे। 2 जनवरी 1975 को बिहार के समस्तीपुर में एक रेलवे परियोजना के उद्घाटन के दौरान हुए ग्रेनेड हमले में उनकी मृत्यु हुई थी। सीबीआई की जांच में आनंद मार्ग संगठन के चार सदस्यों संतोषानंद, सुधेवानंद, गोपालजी और रंजन द्विवेदी को आरोपी ठहराया गया था। लंबी सुनवाई के बाद, दिल्ली की एक अदालत ने 2014 में इन्हें दोषी ठहराया था।
अश्विनी कुमार चौबे ने याचिका दायर कर नई जांच की मांग की है। इस मामले की सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक चौधरी और मनोज जैन की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
इससे पहले, अश्विनी चौबे ने ललित नारायण मिश्रा की हत्या की फिर से जांच की मांग करते हुए 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था।
उन्होंने पत्र में लिखा, "ललित नारायण मिश्रा की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की जाती है, ताकि मामले में न्याय मिल सके। यह न केवल ललित नारायण मिश्रा के परिवार की मांग है, बल्कि बिहार और मिथिलांचल क्षेत्र के लोगों की भी। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जस्टिस मैथ्यू आयोग और जस्टिस तारकुंडे की रिपोर्ट, साथ ही बिहार पुलिस सीआईडी की रिपोर्ट में ललित नारायण मिश्रा की हत्या से संबंधित विभिन्न निष्कर्ष हैं। इसलिए भारत सरकार की ओर से जांच स्थापित करना महत्वपूर्ण है ताकि ललित नारायण मिश्रा को न्याय मिल सके। इस मामले में आपसे हस्तक्षेप करने का विनम्र अनुरोध है।"