क्या आरक्षण खत्म होने पर दलितों को भी शंकराचार्य बनाया जाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एससी/एसटी एक्ट को खत्म करने की बात कही।
- पप्पू यादव ने दलितों को शंकराचार्य बनाने की मांग की।
- राजनीतिक माहौल में गर्माहट बढ़ रही है।
- सोनिया गांधी पर टिप्पणी ने विवाद को बढ़ाया।
- बिहार सरकार की कैबिनेट पर भी पप्पू यादव ने सवाल उठाए।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा एससी/एसटी एक्ट और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को लेकर दिए गए बयानों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "मुझे नहीं पता रामभद्राचार्य कौन हैं। ऐसे लोग (अंधे, बहरे और गूंगे) केवल अंबेडकर के विचारों से ही ठीक हो सकते हैं।"
पप्पू यादव ने आगे कहा, "मैं शंकराचार्य से अनुरोध करना चाहता हूं कि सभी शंकराचार्य दलित, एससी और एसटी को अपने बीच शामिल करें और हम तुरंत आरक्षण समाप्त कर देंगे।"
बता दें कि चित्रकूट में आयोजित एक कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, "एससी/एसटी एक्ट को खत्म कर देना चाहिए। वेदों में अवर्ण या सवर्ण का कोई उल्लेख नहीं है। मैं कहूंगा कि जाति आधारित आरक्षण नहीं होना चाहिए।"
रामभद्राचार्य द्वारा सोनिया गांधी पर दिए गए बयानों को लेकर भी पप्पू यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी इस देश की बहू हैं, इस देश की मां हैं। महिलाओं का अपमान करना उनकी संस्कृति का हिस्सा है। ऐसे लोगों को यमुना के गंदे पानी में डुबो देना चाहिए।"
असल में, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह (सोनिया गांधी) भारतीय नहीं हैं।
इसके अलावा, पप्पू यादव ने बिहार की नवगठित सरकार की कैबिनेट पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "पटना में सोमवार को ही तीन हत्याएं हुईं। अगर गृह मंत्री अच्छा काम करते हैं, तो मैं उनका धन्यवाद करूंगा। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। हम रचनात्मक आलोचना जारी रखेंगे। लेकिन जो अपराधी और माफिया नेटवर्क पिछले 20 वर्षों से कैबिनेट में बैठा है, उसे खत्म किया जाना चाहिए।"
इन बयानों के बाद राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी प्रतिक्रिया दी है और आने वाले दिनों में यह विवाद और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।