क्या आतंकवाद प्रायोजित पाकिस्तान का वैश्विक मंचों पर बहिष्कार होना चाहिए? : मनीषा कायंदे

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क्या आतंकवाद प्रायोजित पाकिस्तान का वैश्विक मंचों पर बहिष्कार होना चाहिए? : मनीषा कायंदे

सारांश

क्या आतंकवाद प्रायोजित पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बहिष्कार करना चाहिए? डॉ. मनीषा कायंदे ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं। उनका मानना है कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। यह लेख आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

Key Takeaways

  • आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का बहिष्कार आवश्यक है।
  • सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है।
  • आर्थिक प्रतिबंधों का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए।
  • मातृभाषा का सम्मान होना चाहिए।
  • भाषाई विभेद को खत्म करना चाहिए।

मुंबई, ७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता डॉ. मनीषा कायंदे ने ब्रिक्स नेताओं द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने पर कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को विश्वस्तर पर एक अलग-थलग किया जाना चाहिए। जहां भी पाकिस्तान सदस्य है, उसे बहिष्कार करना चाहिए। उनके उद्योगों और व्यवसायों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए, और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है कि सभी देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की है। आतंकवाद का शिकार केवल भारत नहीं है, बल्कि कई देश हैं, जो इस समस्या से जूझ रहे हैं। आतंकवादियों को प्रायोजित करने वाले देशों को हर जगह से बेदखल किया जाना चाहिए। सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करना चाहिए ताकि आतंकवाद को मिटाया जा सके। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने जवाबी कार्रवाई की है और पाकिस्तान को आतंकवाद के नाम पर बेनकाब किया है। संसद सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न देशों का दौरा कर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की पोल खोली।

मराठी भाषा विवाद पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने कहा कि हमारे बलबूते यहां का उद्योग धंधा चल रहा है, यह उचित नहीं है। महाराष्ट्र की भूमि पर आप हैं तो मराठी आनी चाहिए, लेकिन बेवजह

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री संजय शिरसाट ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा अनिवार्य है। सभी को इस पर गर्व होना चाहिए। हम यह नहीं कहते कि हिंदी अच्छी भाषा नहीं है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। इसे मुद्दा बनाना उचित नहीं है। समाज में भाषा को लेकर विभेद पैदा करना भी सही नहीं है।

Point of View

हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाना रही है। यह आवश्यक है कि हम ऐसे देशों को बेदखल करें जो आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं। सामूहिक वैश्विक प्रयास ही इस समस्या का समाधान है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों का बहिष्कार उचित है?
जी हां, आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों का बहिष्कार करना एक आवश्यक कदम है ताकि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई जा सके।
क्या आर्थिक प्रतिबंध लगाने से आतंकवाद समाप्त हो सकता है?
आर्थिक प्रतिबंध लगाने से आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे आतंकवाद को खत्म करने में मदद मिल सकती है।