क्या वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी? : आरबीआई गवर्नर
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूत है।
- महंगाई में कमी का सरकार और आरबीआई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत तक पहुंची है।
- गोल्डीलॉक्स पीरियड का संकेत मिला है।
- आने वाले समय में सुधार जारी रखने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से प्रगति कर रही है और आने वाले समय में तेजी से विकास के लिए तैयार है।
आरबीआई के दिसंबर बुलेटिन में गवर्नर ने कहा कि महंगाई में कमी से सरकार और केंद्रीय बैंक को देश के विकास को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है। आरबीआई लगातार देश की आवश्यकताओं के अनुसार उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे।
गवर्नर ने कहा कि 2025 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा, लेकिन इसके बावजूद हम इस वर्ष की उपलब्धियों से संतुष्ट हैं। इस वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा, महंगाई नियंत्रित रही और बैंकिंग व्यवस्था को मजबूती मिली।
उन्होंने बताया कि बैंकिंग प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए नियमों में सुधार किया गया है, जिससे व्यापार करना सरल हुआ, ग्राहक सुरक्षा में वृद्धि हुई और वित्तीय व्यवस्था में सुधार हुआ।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, "हम भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक समर्थन देने और देश की प्रगति के लिए नई उम्मीद, उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ नए वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।"
अक्टूबर में लागू की गई नीति के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में महंगाई में तेजी से कमी आई है और यह ऐतिहासिक रूप से निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है।
फ्लेक्सिबल इन्फ्लेशन टारगेटिंग (आईआईटी) को अपनाने के बाद पहली बार वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में औसत महंगाई दर 1.7 प्रतिशत रही, जो अब तक का सबसे कम स्तर है। अक्टूबर 2025 में यह और घटकर केवल 0.3 प्रतिशत रह गई।
दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, जिसका कारण त्योहारी सीजन में बढ़ता खर्च और जीएसटी दरों में सुधार रहा।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि पहले छह महीनों में महंगाई 2.2 प्रतिशत और विकास दर 8.0 प्रतिशत रही, जो 'गोल्डीलॉक्स पीरियड' का संकेत है, यानी न अधिक महंगाई और न कम विकास।
आने वाले समय में अच्छी खेती, कम महंगाई, मजबूत कंपनियां और बेहतर बैंकिंग व्यवस्था जैसे घरेलू तत्व देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहायक होंगे।
गवर्नर ने कहा कि सुधार संबंधी पहलों को जारी रखने से विकास को और अधिक गति मिलेगी।